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    अपने बयान पर चौतरफा घिरे चिदंबरम….सफाई देकर कहा, गलत सूचना फैलाई गई

    नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम पहलगाम हमले पर अपनी टिप्पणी को लेकर विवादों में घिर गए हैं। उन्होंने कथित तौर पर एक साक्षात्कार में कहा था कि 22 अप्रैल के हमले में शामिल आतंकवादी देशी हो सकते हैं और इसका कोई सबूत नहीं है कि वे पाकिस्तान से आए थे। 
    कांग्रेस नेता चिदंबरम की टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस नेता ने हमेशा की तरह इस बार भी फिर पाकिस्तान को क्लीन चिट दे दी है। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने चिदंबरम के इंटरव्यू की एक क्लिप अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा कि यूपीए काल के पूर्व गृह मंत्री और कुख्यात भगवा आतंकवाद सिद्धांत के मूल प्रवर्तक चिदंबरम एक बार फिर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि क्या उन्होंने (एनआईए) आतंकवादियों की पहचान की है या वे कहाँ से आए हैं? जहाँ तक हम जानते हैं, वे स्थानीय आतंकवादी हो सकते हैं। आप यह क्यों मान लेते हैं कि वे पाकिस्तान से आए थे? इसका कोई सबूत नहीं है। चिंदबरम का यह बयान साबित करता हैं कि फिर, कांग्रेस पाकिस्तान को क्लीन चिट देने के लिए दौड़ पड़ी है। इस बार पहलगाम आतंकी हमले के बाद का मामला है। भाजपा नेता ने लिखा कि ऐसा क्यों है कि जब भी हमारी सेनाएँ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का सामना करती हैं, तब कांग्रेस के नेता हमेशा भारत के विपक्ष की बजाय इस्लामाबाद के बचाव पक्ष के वकील ज़्यादा दिखाने लगते हैं? जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है, तब कोई अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस के साथ ऐसा कभी नहीं होता, वे हमेशा दुश्मन की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा हैं कांग्रेस के कई सीनियर नेता कई बार पहले भी पाकिस्तान का हर मंच पर बचाव करते दिखे है। ये कांग्रेस की वोट बैंक की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। कांग्रेस नेताओं की ये टिप्पणियां उनके पाकिस्तान और मुसलमान वोट बैंक के प्रति अपना प्यार दिखाता है। 
    मामला बिगाड़ता देखकर कांग्रेस नेता चिदंबरम ने पोस्ट साझा किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि उनके साक्षात्कार का आंशिक रूप से हवाला देकर गलत सूचना फैलाई गई। उन्होंने पोस्ट किया, ट्रोल कई तरह के होते हैं और गलत सूचना फैलाने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। सबसे बुरा ट्रोल वह होता है जो पूरे रिकॉर्ड किए गए साक्षात्कार को दबा देता है, दो वाक्यों को हटा देता है, कुछ शब्दों को म्यूट कर देता है और वक्ता को बदनाम कर देता है!

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