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    गरबा महोत्सव में सीएम साय, नवरात्रि का संदेश- एकता और आनंद

    छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय नवरात्रि पर विगत रात्रि राजधानी रायपुर के कई गरबा समारोह में शिरकत किये। उन्होंने मातारानी का दर्शन कर प्रदेश की सुख, शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर रायपुर शहर गरबा के रंग में सराबोर दिखाई दिया और हर तरफ उत्सव का उल्लास रहा। 

    मुख्यमंत्री साय भनपुरी स्थित कच्छ कड़वा पाटीदार समाज आशीर्वाद भवन में गुजराती लोहाणा महाजन समाज की ओर से आयोजित "झणकारो 2025", इनडोर स्टेडियम में "रंगीलो रास 2025" और ओमाया पार्क में "रास गरबा उत्सव" में शामिल हुए। इन आयोजनों में समाजजनों ने मुख्यमंत्री का पारंपरिक कच्छ पगड़ी पहनाकर और तिलक लगाकर आत्मीय स्वागत किया। गरबा की धुनों और रंगारंग माहौल में मुख्यमंत्री की उपस्थिति ने जनसमूह में उत्साह और ऊर्जा का संचार किया।

    प्रदेशवासियों को शारदीय नवरात्र की शुभकामनाएँ देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नवरात्रि उत्साह, उमंग और सद्भावना बढ़ाने का पर्व है। यह पर्व सामाजिक समरसता को और मजबूत करता है तथा जन-जन में ऊर्जा का संचार करता है। उन्होंने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ में देवी को विभिन्न स्वरूपों में पूजा जाता है और मातृशक्ति के आशीर्वाद से प्रदेश निरंतर उन्नति के पथ पर अग्रसर है।

    उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी, धमतरी में मां अंगारमोती एवं बिलईमाता, सरगुजा और रतनपुर में मां महामाया, डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी जैसे अनेक स्वरूपों में माता प्रदेश में विराजमान हैं। इन सभी शक्तिपीठों का आध्यात्मिक महत्व न केवल प्रदेश की आस्था को मजबूत करता है बल्कि सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी छत्तीसगढ़ को विशिष्ट पहचान प्रदान करता है। नवरात्रि के प्रथम दिन ही यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जीएसटी रिफॉर्म लागू कर देश की आर्थिक गतिविधियों को नई गति प्रदान की है। यह सुधार न केवल व्यापार को सुगम बनाएगा बल्कि उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष लाभ भी देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ‘बचत उत्सव’ के माध्यम से आम नागरिकों की जेब में पैसों की उल्लेखनीय बचत हो रही है और यह अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार कर रही है।

    मुख्यमंत्री श्री साय ने लोगों से आह्वान किया कि जब भी बाजार जाएँ तो स्वदेशी वस्तुओं की खरीदी को प्राथमिकता दें। स्वदेशी से न केवल देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है बल्कि स्थानीय स्तर पर उत्पादन और स्वरोजगार के अवसर भी सृजित होते हैं। उन्होंने कहा कि स्वदेशी को अपनाना आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है और यही देश की समृद्धि का आधार बनेगा।

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