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    Homeराज्यछत्तीसगढ़अरेवाड़ा में हेलीकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अस्पताल में भर्ती

    अरेवाड़ा में हेलीकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अस्पताल में भर्ती

    राजनांदगांव: मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले की सीमा से लगे महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में भारी बारिश और पर्लकोटा नदी में आई बाढ़ के चलते भामरागढ़ सहित 112 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। इस बीच महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के अरेवाड़ा गांव की आंगबाड़ी कार्यकर्ता सीमा बांबोले की हालत अचानक गंभीर हो गई। समय पर इलाज न मिलने की आशंका को देखते हुए गढ़चिरौली पुलिस ने हेलीकॉप्टर की मदद से उन्हें सुरक्षित जिला अस्पताल पहुंचाया।

    जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की सूचना के बाद पुलिस ने तत्काल पवन हंस हेलीकॉप्टर भामरागढ़ के लिए रवाना किया। हेलीकॉप्टर से सीमा बांबोले को निकालकर गढ़चिरौली जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों के अनुसार फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं।

    इस अभियान में जिला परिषद, जिला प्रशासन, उप-विभागीय पुलिस अधिकारी भामरागढ़, स्थानीय राजस्व अधिकारी-कर्मचारी और पुलिस पोस्ट भामरागढ़ की टीम ने सहयोग किया। पायलट डीआईजी श्रीनिवास और सह-पायलट आशीष पाल के साथ गढ़चिरौली पुलिस की यह मुस्तैदी राहतकारी साबित हुई।

    आंगनबाड़ी भर्ती में गड़बड़ी, बैगा आदिवासियों ने अनियमितता का लगाया
    खैरागढ़ के ग्राम तुमडादाह पंचायत सिंगार के बैगा आदिवासी ग्रामीणों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन ग्रामसभा की सर्वसम्मति से माहे धुर्वे पति अंजोरी धुर्वे को सौंपा गया था और जनवरी 2024 से केंद्र का संचालन उनके घर से ही किया जा रहा है।

    हाल ही में हुई भर्ती प्रक्रिया में विद्या मरकाम पति अरविंद मरकाम को कार्यकर्ता नियुक्त कर दिया गया जो मूलतः मध्यप्रदेश निवासी हैं। इस नियुक्ति से पूरे गांव में नाराजगी है। ग्रामवासियों का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई और उनकी सहमति की अनदेखी की गई।

    उन्होंने मांग की है कि या तो नियुक्ति माहे धुर्वे को दी जाए अथवा भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर नियम अनुसार पुनः चयन किया जाए। ग्रामीण प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। ज्ञापन सौंपते समय बड़ी संख्या में बैगा समाज के लोग उपस्थित रहे।

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