नई दिल्ली। हाल ही में भारतीय बल्लेबाज और इंडियन क्रिकेट टीम के T20I के कैप्टन सूर्यकुमार यादव (Surya kumar Yadav) से जुड़ी एक बड़ी अपडेट सामने आई है। दरअसल, क्रिकेटर ने जर्मनी में हुई अपनी एक सर्जरी के बारे में सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी। इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर कर उन्होंने बताया कि उन्होंने स्पोर्ट्स हर्निया (sports hernia in athletes) की सफल सर्जरी कराई है उन्होंने अपने हॉस्पिटल से अपनी फोटो शेयर कर यह भी बताया कि अब वह धीरे-धीरे रिकवर हो रहे हैं और जल्द ही मैदान पर वापसी करेंगे। यह पहली बार नहीं है, जब कोई स्पोर्ट्स स्टार हर्निया से परेशान हुआ हो। इससे पहले ट्रैक और फील्ड एथलीट के नंबर वन खिलाड़ी नीरज चोपड़ा भी हर्निया का शिकार हुए थे।
इस समस्या की वजह से वह पेरिस ओलंपिक में गोल्ड जीतने से चूक गए थे। हालांकि, नीरज इंगुइनल हर्निया ( inguinal hernia symptoms) से पीड़ित थे। ऐसे में हमने मैक्स हॉस्पिटल वैशाली में ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. अखिलेश यादव से बातचीत कर जाना कि हर्निया से जुड़ी इन दोनों कंडीशन में क्या अंतर है?
क्या एक ही है दोनों हर्निया?
डॉक्टर ने बताया कि स्पोर्ट्स हर्निया और इंगुइनल हर्निया (Sports Hernia vs Inguinal Hernia) एक जैसे लग सकते हैं, लेकिन दोनों में बहुत अंतर है। स्पोर्ट्स हर्निया या एथलेटिक प्यूबल्जिया, कमर के हिस्से में होने वाली एक सॉफ्ट टिश्यू की चोट है जो फुटबॉल, हॉकी या टेनिस जैसे हाई इंटेंसिटी वाले खेलों में भाग लेने वाले एथलीटों में पाई जाती है। वहीं, दूसरी ओर इंगुइनल हर्निया तब होता है, जब पेट के मौजूद ऑर्गन, जैसे आंतें, पेट की निचली दीवार के कमजोर हिस्से से बाहर निकलती हैं और कमर के पास एक उभार का कारण बनती हैं।
क्या हैं दोनों के लक्षण?
बात करें लक्षणों की, तो दोनों का समान लक्षण कमर में दर्द है, जो व्यायाम से और भी बदतर हो जाता है। लेकिन स्पोर्ट्स हर्निया में, दर्द ज्यादा सामान्य और मांसपेशियों में होता है, जबकि इनगुइनल हर्निया में, यह दर्द एक उभरी हुई जगह से जुड़ सकता है, जो खांसने या उठने पर बढ़ जाता है।
बचाव और इलाज
इससे बचाव में कोर की मांसपेशियों को मजबूत करना, लचीला बने रहना और अचानक शरीर को ट्विस्ट न करना शामिल हैं। बात करें इलाज की, तो स्पोर्ट्स हर्निया के लिए फिजियोथेरेपी और आराम इसके शुरुआती उपचार हैं ,लेकिन अगर दर्द जारी रहता है तो, सर्जरी एक विकल्प है। दूसरी तरफ इंगुइनल हर्निया के लिए, सर्जरी अक्सर लास्ट ऑप्शन होती है, खासकर अगर हर्निया दर्दनाक हो या इसका आकार में बढ़ गया हो।