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    37 दिनों में झारखंड-बिहार के 61 लाख मोबाइल यूजर्स को ऑनलाइन ठगी से बचाया गया

    रांची। एक निजी टेलीकाम कंपनी ने दावा किया है कि उसने झारखंड और बिहार सर्कल में अपने एआई-आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम की मदद से केवल 37 दिनों में 61 लाख से अधिक यूजर्स को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाया है।

    इसकी जानकारी कंपनी ने शुक्रवार को झारखंड पुलिस मुख्यालय में राज्य के पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता को दी। इस दौरान कंपनी ने समक्ष ऑनलाइन धोखाधड़ी से निपटने व डिजिटल सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी।

    कंपनी के अनुसार, यह पहल ऑनलाइन फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए शुरू की गई है। उसकी यह अत्याधुनिक प्रणाली एसएमएस, सोशल मीडिया, ईमेल और ब्राउजर में मौजूद संदिग्ध लिंक को स्कैन कर खतरे का आकलन करती है।

    यह प्रणाली हर दिन एक अरब से अधिक यूआरएल की जांच करती है और संदिग्ध साइटों तक पहुंच को 100 मिलीसेकेंड के भीतर ब्लॉक कर देती है।

    ऐसे काम करता है सिस्टम
    डीजीपी अनुराग गुप्ता ने इसकी सराहना की। बताया गया कि यह अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली सभी मोबाइल व ब्रॉडबैंड ग्राहकों के लिए ऑटोमैटिक रूप से एक्टिव है।

    यह एसएमएस, वाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ई-मेल व अन्य ब्राउजर्स पर भेजे गए लिंक को स्कैन व फिल्टर करती है। यह तकनीक रियल टाइम थ्रेट इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करती है।

    एक उदाहरण देकर भी समझाया कि जैसे रांची का कोई निवासी अगर संदिग्ध संदेश प्राप्त करता है और वह व्यक्ति बिना सत्यता जाने उस लिंक पर क्लिक करता है तो कंपनी का एआई सिस्टम तुरंत सक्रिय हो जाता है और उस लिंक को स्कैन कर संदिग्ध पाए जाने पर साइट को ब्लॉक करता है।

    यूजर्स को एक एआई संचालित प्लेटफार्म से चेतावनी संदेश जाता है, जिसमें उन्हें सतर्क किया जाता है। इससे ऑनलाइन धोखाधड़ी से यूजर्स को बचाया जा रहा है।

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