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    आसमान में गरजा भारत का शौर्य, वायुसेना दिवस पर जवानों को मिला सम्मान

    गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर आज भारतीय वायुसेना ने अपना 93वां स्थापना दिवस पूरे गौरव और शौर्य के साथ मनाया. इस वर्ष पहली बार परेड की शुरुआत सेना के तीनों अंगों थलसेना, नौसेना और वायुसेना की साझा टुकड़ी के साथ हुई, जो संयुक्तता और आत्मनिर्भरता के नए युग की झलक दिखा रही थी.

    इस भव्य समारोह में सीडीएस जनरल अनिल चौहान, थल सेना प्रमुख, नौसेना प्रमुख और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह मौजूद रहे. एयर चीफ ने परेड की सलामी ली और देशभर के वायु योद्धाओं का उत्साह बढ़ाया.

    ऑपरेशन सिंदूर के नायकों को सलाम
    कार्यक्रम के दौरान 97 वायु योद्धाओं को सम्मानित किया गया. इनमें राफेल जेट की गोल्डन एरो स्क्वाड्रन, ब्रह्मोस से लैस सुखोई की टाइगर शार्क स्क्वाड्रन, एस-400 मिसाइल यूनिट और लोएटरिंग म्युनिशन यूनिट को विशेष प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया. ये वही यूनिट्स हैं जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था.

    परेड से लेकर फ्लाईपास्ट तक दो चरणों में कार्यक्रम
    इस बार वायुसेना दिवस का कार्यक्रम दो भागों में विभाजित है पहला 8 अक्टूबर को हिंडन एयरबेस पर परेड, और दूसरा 9 नवंबर को गुवाहाटी में भव्य फ्लाईपास्ट का आयोजन होगा. आज के आयोजन में न सिर्फ फाइटर जेट्स, बल्कि कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की ताकत का भी प्रदर्शन किया गया. एमआई-17i हेलीकॉप्टर से तिरंगा, वायुसेना का ध्वज और ऑपरेशन सिंदूर का झंडा लहराया गया, जिसने पूरे माहौल को देशभक्ति से भर दिया.

    भारतीय वायुसेना की वैश्विक ताकत
    दुनिया में भारतीय वायुसेना को चौथी सबसे ताकतवर एयरफोर्स माना जाता है. पहले स्थान पर अमेरिका, दूसरे पर रूस और तीसरे पर चीन की वायुसेना है. IAF के पास कुल 2229 विमान हैं, जिनमें 53 फाइटर जेट, 899 हेलीकॉप्टर और 831 सहायक विमान शामिल हैं. यह आंकड़े भारत की आसमान में अपराजेय शक्ति को दिखाते हैं.

    पाकिस्तान क्यों डरता है भारत की वायुशक्ति से?
    पाकिस्तान की वायुसेना का मुकाबला भारतीय वायुसेना से कहीं नहीं है. उसके पास 1399 विमान, 328 फाइटर जेट, 373 हेलीकॉप्टर और 750 सहायक एयरक्राफ्ट हैं जो भारत की ताकत से काफी पीछे हैं. यही वजह है कि ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों के बाद पाकिस्तान की वायुसेना IAF के नाम से खौफ खाती है.

    93 साल की गौरवगाथा और भविष्य की उड़ान के साथ, भारतीय वायुसेना ने आज फिर साबित कर दिया टच द स्काई विद ग्लोरी सिर्फ नारा नहीं, बल्कि संकल्प है.

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