खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदलकर भरतरी करने और मुख्यालय परिवर्तन की आशंका के विरोध में शुक्रवार को हजारों लोगों ने तिरंगा रैली निकाली। विधायक दीपचंद खेरिया और अनेक जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में निकली इस रैली ने जिला मुख्यालय तक पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
मिशनसच न्यूज, खैरथल-तिजारा। जिले का नाम बदलकर भरतरी करने और जिला मुख्यालय परिवर्तन की आशंका ने क्षेत्र में गहरी नाराजगी और असंतोष पैदा कर दिया है। शुक्रवार को इसी मुद्दे पर खैरथल शहर एक अभूतपूर्व जनसैलाब का गवाह बना, जब हजारों की संख्या में लोग तिरंगा हाथों में लेकर सड़कों पर उतर आए।
तिरंगा रैली में उमड़ा जनसमर्थन
दोपहर बाद हनुमान चौक मातोर रोड से शुरू हुई यह विशाल तिरंगा रैली देखते ही देखते आंदोलन का स्वरूप लेती गई। स्थानीय नागरिकों के साथ आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग बाइक और पैदल मार्च में शामिल हुए। शहर देशभक्ति नारों और गीतों से गूंज उठा।
मार्ग में दुकानदारों और व्यापारियों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर रैली का स्वागत किया। इससे उत्साह और भी बढ़ गया और माहौल पूरी तरह आंदोलनकारी रंग में रंग गया।
जनप्रतिनिधियों और संगठनों का नेतृत्व
रैली में कई प्रमुख जनप्रतिनिधि और संगठनात्मक पदाधिकारी शामिल रहे। नेतृत्व कर रहे विधायक दीपचंद खेरिया, संयुक्त व्यापार महासंघ अध्यक्ष ओमप्रकाश रोघा, व्यापार समिति अध्यक्ष सर्वेश गुप्ता, समाजसेवी पंकज रोघा, विक्की चौधरी, मुंडावर के पूर्व प्रधान रोहतास चौधरी समेत अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नाम परिवर्तन के फैसले को जनता की भावनाओं से खिलवाड़ बताया।
जिला कलेक्टर कार्यालय तक पहुंचा विरोध
शहर भर में घूमने के बाद यह विशाल तिरंगा रैली जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंची। वहां पर लगभग एक दर्जन किसान संगठनों और प्रतिनिधिमंडलों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में साफ तौर पर कहा गया कि जिले का नाम खैरथल-तिजारा ही रहना चाहिए और जिला मुख्यालय यथावत खैरथल में बनाए रखा जाए।
जनता का संदेश – पहचान के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं
रैली में शामिल आम नागरिकों का कहना था कि खैरथल-तिजारा की पहचान और ऐतिहासिक महत्व को मिटाने का प्रयास स्वीकार्य नहीं है। लोग इस बदलाव को राजनीतिक लाभ और एकतरफा निर्णय करार दे रहे हैं।
एक बुजुर्ग किसान ने कहा – “हमने आजादी के बाद कई सरकारें देखीं, पर पहली बार ऐसा हो रहा है कि जनता की भावनाओं को दरकिनार कर नाम बदलने का फैसला लिया जा रहा है।”
आंदोलन की नई शुरुआत
स्थानीय नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जनता की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा। विधायक दीपचंद खेरिया ने स्पष्ट कहा – “खैरथल-तिजारा की पहचान के साथ खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनता की आवाज सरकार को माननी ही होगी।”
हजारों की तादाद में उमड़े लोगों ने यह साफ कर दिया है कि खैरथल-तिजारा की पहचान और गौरव से समझौता नहीं किया जाएगा। अब पूरे जिले की निगाहें सरकार पर टिकी हैं कि वह जनता की इस चेतावनी को किस तरह लेती है और आने वाले दिनों में क्या फैसला करती है।