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    पर्यावरण रक्षा का संकल्प, आस्था और आभूषणों का संगम बना खेजड़ली मेला

    जोधपुर।
    राजस्थान के जोधपुर से 29 किलोमीटर दूर खेजड़ली गांव में मंगलवार को श्रद्धा और संकल्प का अद्भुत संगम देखने को मिला। पेड़ों की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले 363 शहीदों की स्मृति में आयोजित खेजड़ली मेले में विश्नोई समाज सहित हजारों पर्यावरण प्रेमियों ने हवन, रक्तदान और पौधरोपण कर शहीदों को नमन किया। साथ ही जीवनपर्यंत पर्यावरण और जीव-जंतुओं की रक्षा का संकल्प लिया।

    दिनभर गूंजे नारे

    मेला परिसर में गुरु जंभेश्वर भगवान के जयघोष और “जब तक सूरज चांद रहेगा, अमृतादेवी का नाम रहेगा” जैसे नारों से वातावरण गूंजता रहा। राजस्थान के विभिन्न जिलों और पड़ोसी राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मेले में पहुंचे।

    हवन और झंडारोहण से शुरुआत

    खेजड़ली शहीदी राष्ट्रीय पर्यावरण संस्थान के अध्यक्ष मलखान सिंह विश्नोई ने बताया कि मेले की शुरुआत सुबह हवन और झंडारोहण से हुई। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री जयंत चौधरी, गजेन्द्रसिंह शेखावत, विधायक व विधि मंत्री जोगाराम पटेल, राज्य मंत्री केके बिश्नोई और धरोहर संरक्षण अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत सहित कई जनप्रतिनिधियों ने भी हवन में आहुतियां दीं और शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

    सोने से लदी नजर आईं महिलाएं

    मेले में जहां श्रद्धा का माहौल था, वहीं आभूषणों की चमक भी सबका ध्यान खींच रही थी। महिलाएं सिर से पैर तक सोने के गहनों से सजी दिखाई दीं। कई महिलाएं 50-50 लाख तक की ज्वेलरी पहनकर मेले में पहुंचीं, जिसने सबका ध्यान आकर्षित किया।

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