अलवर। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है, उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री व मंत्रियों में तालमेल नही है और मंत्री पर बिजली निगम के अधिकारी भारी पड रहे, जिसके चलते भीषण गर्मी के दौर में भी प्रदेश की जनता को दिन व रात में बिजली कटौती की मार झेंलनी पड रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के बिजली कटौती नहीं करने के आदेश के बाद भी राज्य में प्रतिदिन 6 से 8 घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है।
प्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी पड रही है और लू व गर्मी से अब तक प्रदेश में करीब 13 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे गर्मी के दौर में भी राज्य सरकार बिजली कटौती कर रही है। जूली ने राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि असमंजस की स्थिति में बनी भाजपा सरकार में सभी लोग असमंजस में हैं। मुख्यमंत्री बिना जानकारी के निर्देश देते हैं कि राज्य में बिजली कटौती नहीं की जाएगी, लेकिन बिजली निगम के अधिकारियों की ओर से रोजाना 5-6 घंटे की कटौती करने से जनता में त्राहि- त्राहि मची हुई है।
बिजली मंत्री का बयान हास्यास्पद
नेता प्रतिपक्ष जूली ने बिजली मंत्री के उस बयान को हास्यास्पद बताया जिसमें उन्होंने कहा कि दिन में बिजली की आपूर्ति पूरी की जा रही है और रात को लोग घर पर आते हैं तो बिजली की खपत बढ़ जाती है। उन्होंने बिजली मंत्री के बयान पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि रात में आदमी अपने घर नहीं आएगा क्या।
बिजली की मांग व आपूर्ति में अंतर बढा
जूली ने कहा कि भीषण गर्मी के कारण प्रदेश में बिजली की मांग तेजी से बढ़कर लगभग 280 लाख यूनिट प्रतिदिन तक पहुंच गई है। बिजली की मांग और सप्लाई में अंतर ज्यादा होने से प्रदेश में फॉल्ट, ट्रिपिंग, और कम वोल्टेज की परेशानी से जनता परेशान हो रही है। अब तो हालात यहां तक पहुंच गए कि प्रदेश की लगभग 3 लाख से अधिक लघु, मध्यम और वृहद् श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों में भी बिजली कटौती की आशंका बन रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में बिजली आपूर्ति की हालत दिन प्रतिदिन खराब हो रही है और बिजली निगम के अभियंता रात के समय उपभोक्ताओं के फोन तक नहीं उठाते. कॉल सेंटर का नंबर हमेशा व्यस्त बताता है। आमजन की ओर से विधायकों, कलेक्टरों एवं विभागीय अधिकारियों को शिकायत दर्ज करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
कटौती वाले जिलों के कलक्टर पर भी कार्रवाई नहीं
नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री की स्थिति का आकलन तो इससे हो जाता है कि उनके द्वारा कटौती वाले जिले के कलक्टर के खिलाफ कारवाई की बात कही जाने के बाद भी अब तक किसी कलेक्टर पर कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने मांग की है कि निर्बाध बिजली आपूर्ति नहीं करने वाले जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्यवाही कर बिजली कटौती से जनता को राहत दिलवाई जाए।