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    हिंदी-मराठी विवाद के बीच महाराष्ट्र सरकार का कदम, त्रिभाषा समिति की पहली बैठक में होगा बड़ा फैसला

    मुंबई: महाराष्ट्र में हिंदी बनाम मराठी भाषा विवाद के मुद्दे पर गठित त्रिभाषा समिति आम लोगों के साथ ठाकरे ब्रदर्स (उद्धव ठाकरे-राज ठाकरे) से भी राय लेगी। प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने या नहीं करने के लिए गठित त्रिभाषा समिति की पहली बैठक बुधवार को मंत्रालय में हुई। बैठक में समिति ने तय किया है कि वह आम लोगों के साथ-साथ, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे से राय लेगी। इसके लिए समिति ने प्रश्नावली भी तैयार की है। समिति अलग से एक वेबसाइट भी बनवाएंगी, ताकि लोग वहां भी अपने विचार रख सके। अंत में समिति एक रिपोर्ट तैयार कर 5 दिसंबर तक सरकार को सौंपेगी। इसके बाद में सरकार उचित निर्णय लेगी। सीएम देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली महायुति सरकार ने इस समिति का गठन किया था।

    समिति ने दिया था त्रिभाषा का सुझाव
    गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 महाराष्ट्र में लागू करने के लिए डॉ. रघुनाथ माशेलकर के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कक्षा पहली से मराठी, अंग्रेजी और हिंदी की पढ़ाई शुरू करने का सुझाव दिया था। उन्हीं के सुझाव पर ही महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में त्रिभाषा फार्मूला लागू करते हुए कक्षा पहली से मराठी, अंग्रेजी और हिंदी की पढ़ाई को अनिवार्य कर दिया। इसे लागू करने के लिए सरकार ने शासनादेश जारी किया जिसका ठाकरे बंधुओं सहित कांग्रेस ने भी विरोध किया था। विरोध के चलते सरकार ने वह जीआर वापस ले लिया। हालिया मॉनसून सत्र की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने त्रिभाषा नीति तय करने के लिए डॉ. नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। समिति को 5 दिसंबर तक रिपोर्ट सौंपना है।

    समिति ने तैयार की प्रश्नावली
    बुधवार को मंत्रालय में त्रिभाषा समिति की पहली बैठक हुई। बैठक के बाद समिति के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र जाधव ने बताया कि हम लोगों ने कामकाज की रूपरेखा तय की गई। हमने प्रश्नावली तैयार की है। इसमें सवाल होंगे कि त्रिभाषा फार्मूले को कब से लागू किया जाए ? कक्षा पहली से, तीसरी से या पांचवीं से? दूसरी प्रश्नावली मराठी भाषा के लिए काम कर रहे संस्थाओं, राजनेताओं, कार्यकर्ताओं, लेखकों, उद्यमी और विचारवंत लोगों के लिए होगी। डॉ. जाधव ने कहा कि समिति के सदस्य उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे सहित अन्य नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। साथ प्रश्नावली सभी कॉलेज, संगठनों को भेंजेंगे। हम उनसे उम्मीद रखते हैं कि वे भी हमें फीडबैक दें।
      
    पूरे राज्य में जाएगी समिति
    समिति राज्य भर में अलग-अलग जगह जाकर त्रिभाषा फार्मूले को लेकर फीडबैक लेगी। जाधव ने बताया कि वे अगले 10-15 दिनों में इन नेताओं से प्रत्यक्ष मुलाकात कर उनका पक्ष जानने की कोशिश करेंगे। समिति के अध्यक्ष डॉ. जाधव ने बताया कि हम काम पूरा कर 5 दिसंबर तक सरकार को रिपोर्ट सौंप देंगे। उन्होंने ने कहा कि हम सिफारिश करेंगे, लेकिन अंतिम निर्णय लेने का अधिकार सरकार का होगा।

    नवंबर अंत में मुंबई में बैठक
    समिति के अध्यक्ष डॉ. जाधव ने बताया कि राज्य के आठ बड़े शहरों में भी समिति के सदस्य जाएंगे। उनसे भी फीडबैक लेंगे। उनकी भी राय जानेंगे। डॉ जाधव ने बताया कि वे लोग 8 अक्टूबर को संभाजीनगर, 10 अक्टूबर को नागपुर, 30 अक्टूबर को कोल्हापुर, 31 अक्टूबर को रत्नागिरी, 11 नवंबर को नासिक, 13 नवंबर को पुणे, 21 नवंबर को सोलापुर जाएंगे और अंत में नवंबर के अंतिम सप्ताह में मुंबई में बैठक होगी। इसके अलावा समिति अन्य राज्यों में लागू त्रिभाषा फार्मूले का भी अध्ययन करेगी।

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