More
    Homeबिजनेसवीजा शुल्क बढ़ने के बाद माइक्रोसॉफ्ट का अलर्ट: H1-B कर्मचारियों के लिए...

    वीजा शुल्क बढ़ने के बाद माइक्रोसॉफ्ट का अलर्ट: H1-B कर्मचारियों के लिए इमरजेंसी सलाह

    व्यापार: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एच1-बी वीजा के शुल्क में भारी बढ़ोतरी के फैसले ने उद्योग जगत में खलबली मचा दी है। ट्रंप के एलान के बाद कई अमेरिकी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों जो जल्द वापस लौटने के लिए कहा है। माइक्रोसॉफ्ट ने एच-1बी और एच-4 वीजा धारकों को निकट भविष्य में अमेरिका में ही रहने की सलाह दी है।

    कई कंपनियों ने कर्मचारियों को भेजे ईमेल
    माइक्रोसॉफ्ट ने अपने कर्मचारियों को एक एडवाइजरी ईमेल भेजा है। जिसमें इन वीजा धारकों को समयसीमा से पहले अमेरिका लौट आने के लिए कहा है। इसके अलावा कंपनी ने वर्तमान में अमेरिका से बाहर रहने वाले कर्मचारियों से भी वापस आने का आग्रह भी किया गया है। 

    माइक्रोसॉफ्ट द्वारा अपने कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल में कहा गया है कि हम एच-1बी और एच-4 वीजा धारकों को कड़े तौर पर सलाह देते हैं कि वे समय-सीमा से पहले कल ही अमेरिका लौट आएं। यह जानकारी रॉयटर्स ने एक आंतरिक ईमेल का हवाला देते हुए दी है। इसी बीच बिजनेस फर्म जेपी मॉर्गन के इमिग्रेशन काउंसल ने भी एच-1बी वीजा धारकों को अमेरिका में ही बने रहने और अगली सूचना तक अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचने की सलाह दी है। 

    ट्रंप के फैसले का भारतीयों पर होगा सबसे अधिक असर
    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत एच1बी वीजा शुल्क को सालाना 100,000 अमेरिकी डॉलर तक बढ़ा दिया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि देश इस राशि का इस्तेमाल करों में कटौती और कर्ज चुकाने में करेगा। ट्रंप ने कहा,  हमें लगता है कि यह बहुत सफल होगा। ट्रंप के इस कदम से अमेरिका में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 से 2023 के बीच स्वीकृत वीजा में 73.7 फीसदी वीजा भारतीयों के थे। चीन 16  फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर था। कनाडा 3% के साथ तीसरे स्थान पर, उसके बाद ताइवान (1.3%), दक्षिण कोरिया (1.3%), मैक्सिको (1.2%) और नेपाल, ब्राजील, पाकिस्तान और फिलीपींस (सभी 0.8%) हैं।

    शुल्क बढ़ाने के पीछे दिया ये तर्क
    व्हाइट हाउस के स्टाफ सचिव विल शार्फ ने कहा कि एच1बी गैर-प्रवासी वीजा कार्यक्रम देश की वर्तमान आव्रजन प्रणाली में सबसे अधिक दुरुपयोग की जाने वाली वीजा प्रणालियों में से एक है। उन्होंने कहा कि इससे उन उच्च कुशल कामगारों को अमेरिका में आने की अनुमति दी जाती है जो उन क्षेत्रों में काम करते हैं जहां अमेरिकी काम नहीं करते। ट्रंप प्रशासन ने कहा कि 100000 डॉलर का शुल्क यह सुनिश्चित करने के लिए लगाया गया है कि देश में लाए जा रहे लोग वास्तव में अत्यधिक कुशल हों और अमेरिकी कामगारों का स्थान नहीं लें।

    ट्रंप ने वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक की मौजूदगी में ओवल ऑफिस में घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करते हुए कहा,  हमें कामगारों की जरूरत है, हमें बेहतरीन कामगारों की जरूरत है और इससे यह सुनिश्चित होगा की ऐसा ही हो। लुटनिक ने कहा कि रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड कार्यक्रम के तहत प्रति वर्ष 281000 लोगों को प्रवेश मिलता है, वे लोग औसतन प्रति वर्ष 66000 अमेरिकी डॉलर कमाते हैं, तथा सरकारी सहायता कार्यक्रमों में शामिल होने की उनकी संभावना पांच गुना अधिक होती है।

    उन्होंने कहा, तो हम निचले चतुर्थक (बॉटम क्वार्टाइल) वर्ग को, औसत अमेरिकी से नीचे दर्जे पर भर्ती कर रहे थे। यह अतार्किक था, दुनिया का एकमात्र देश जो निचले चतुर्थक वर्ग को भर्ती कर रहा था।हम ऐसा करना बंद करने जा रहे हैं। हम शीर्ष पर केवल असाधारण लोगों को ही लेंगे न कि उन लोगों को जो अमेरिकियों से नौकरियां छीनने की कोशिश कर रहे हैं। वे व्यवसाय शुरू करेंगे और अमेरिकियों के लिए नौकरियां पैदा करेंगे। और इस कार्यक्रम के तहत अमेरिका के खजाने के लिए 100 अरब अमेरिकी डॉलर से ज़्यादा धनराशि जुटाई जाएगी।

    latest articles

    explore more

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here