नई दिल्ली. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कहा कि अगर भारत की सीमाएं और सुरक्षित होतीं तो भारत ने अधिक तेजी से तरक्की की होती।
वे सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ की ओर से शुक्रवार को रुस्तमजी मेमोरियल में आयोजित 21वें अलंकरण समारोह कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हए उन्होंने कहा कि अगर भारत की सीमाएं अधिक सुरक्षित और परिभाषित होती तो भारत बहुत तेजी से प्रगति करता। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमारे देश की शक्ति में बड़ी तेजी से वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा निकट भविष्य में मुझे नहीं लगता कि हमारी सीमाएं उतनी सुरक्षित होगीं जितनी हमें तेज आर्थिक विकास के लिए चाहिए। इसलिए सीमाओं की रक्षा करने वाले बलों पर जिम्मेदारी बहुत ज्यादा है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि सीमाएं अहम हैं क्योंकि वे हमारी संप्रभुता परिभाषित करती हैं। उन्होंने कहा जमीन पर जो कब्जा है वो अपना है बाकी तो सब अदालत और कचहरी का काम है, उससे फर्क नहीं पड़ता।
डोभाल ने कहा कि सरकार ने पिछले 10 वर्ष में सीमा सुरक्षा पर बहुत अधिक ध्यान दिया है और इस अवधि में हमारी व्यापक राष्ट्रीय शक्ति बहुत बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से बदल रहा है और अगले दस वर्ष में हम दस हजार अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था और तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।
उन्होंने कहा कि भारत के पास सबसे बड़े कार्यबलों में से एक होगा और यह उच्च प्रौद्योगिकी कृत्रिम मेधा, सेमीकंडक्टर, क्वांटम कंप्यूटिंग और रक्षा एवं सुरक्षा विनिर्माण के क्षेत्रों का गढ़ होगा। डोभाल ने कहा कि जो देश दूसरे देशों से हथियार मंगाता था उसने 31 मार्च तक 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के हथियारों का निर्यात किया और इस प्रकार से यह सरकार की आत्मनिर्भरता और आत्मनिर्भर भारत की नीति के कारण एक बड़े निर्यातक के रूप में उभरा।