गर्मी से राहत पाने के लिए सरिस्का के बाघ वाटर हॉल्स में कर रहे अठखेलियां, साइटिंग होने से पर्यटक ही नहीं वन मंत्री भी खुश

 

अलवर. प्रदेश में इन दिनों तेज गर्मी पड़ रही है, अलवर जिले में तापमान 46 डिग्री को पार गया है और लोग गर्मी से राहत पाने के लिए स्वीमिंग पूल या अन्य जल स्रोतों की तलाश में जुटे हैं। ऐसे में सरिस्का बाघ परियोजना में बाघों को जल स्रोतों में अठखेलियां करते देख पर्यटकों के चेहरों पर राहत के छींटे दिखाई पडते हैं। गत मंगलवार को सरिस्का में पर्यटक बाघों को वाटर हॉल्स में डुबकी लगाते न केवल पर्यटक, बल्कि खुद वन मंत्री संजय शर्मा भी देख गदगद हो गए।

गर्मी में वाटर हॉल्स पर रहता है बाघों का डेरा

भीषण गर्मी के दौर में वन्यजीवों को भी राहत की जरूरत होती है। इसके लिए वन्यजीव पानी के स्रोतों की तलाश में रहते हैं। सरिस्का में बाघ सबसे ताकतवर वन्यजीव है। इस कारण वाटर हॉल्स पर कब्जा भी बाघों का ही रहता है, यही कारण है कि गर्मी के दिनों में ज्यादातर बाघ वाटर हॉल्स के पानी में अठखेलियां करते दिखाई पडते हैं। गत मंगलवार को राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा को पाण्डुपोल हनुमान मंदिर के दर्शन कर वापस लौटते समय वाटर हॉल्स में बाघ अठखेलियां करते दिखे।

सरिस्का में हैं अभी 33 बाघ

सरिस्का में अभी 33 बाघ हैं। ये बाघ जंगल में अलग. अलग स्थानों पर रहते हैं। वहीं सरिस्का में पक्के एवं कच्चे करीब 250 वाटर हॉल्स हैं। इनमें कई बडे नाले, तालाब व एनिकट शामिल हैं। इनमें साल भर पानी रहता है। गर्मियों में कच्चे व छोटे वाटर हॉल्स में पानी सूख जाता है, लेकिन बडे वाटर हॉल्स में पानी रहता है। इस कारण बाघ सरिस्का के विभिन्न स्थानों पर वाटर हॉल्स के पानी पीने या डुबकी लगाने पहुंचते हैं। गर्मी में वाटर हॉल्स में पानी की मात्रा कम होने पर सरिस्का प्रशासन की ओर से सोलर पम्पों के माध्यम से इन वाटर हॉल्स में पानी भरा जाता है। कई वॉटर हॉल्स में टैंकरों से भी पानी डलवाया जाता है।

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