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    राम नगरी अयोध्या सजने को तैयार – 25 नवंबर को राम मंदिर में भव्य ध्वजारोहण, चंपत राय ने साझा किए आयोजन के खास पहलू

    अयोध्‍या: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक सोमवार को मणिराम छावनी मठ में संपन्न हुई। यह बैठक करीब चार महीने बाद बुलाई गई थी। इसमें ट्रस्ट के 9 सदस्य शामिल हुए, तीन सदस्य ऑनलाइन जुड़े, जबकि एक सदस्य अनुपस्थित रहे। दो सदस्यों के निधन से पद रिक्त हैं। बैठक के बाद महासचिव चंपत राय ने विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार की बैठक में दो बड़े निर्णय हुए। पहला, ध्वजारोहण का भव्य उत्सव 25 नवंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा। दूसरा, हरदोई निवासी कृष्ण मोहन को ट्रस्ट का नया न्यासी नियुक्त किया गया है। वे कामेश्वर चौपाल के निधन से रिक्त हुए पद पर नियुक्त हुए हैं। चंपत राय ने स्पष्ट किया कि ध्वजारोहण का कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 के उद्घाटन समारोह जैसा भव्य और देशव्यापी नहीं होगा, जब देशभर से सेलिब्रिटीज को बुलाया गया था। इस बार उत्सव पूरी तरह अयोध्या और आस-पास के जिलों पर केंद्रित रहेगा। कुछ विशेष आमंत्रण बिहार के श्रद्धालुओं को भी दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा रही है।

    रामकथा संग्रहालय के लिए संग्रह जारी
    बैठक में बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय के लिए देशभर से रामायण से जुड़ी मूल पांडुलिपियां, दुर्लभ वस्तुएं और सामग्री एकत्र की जा रही हैं। एक युवक के पास 22 मूल रामायण की प्रतियां हैं जिन्हें संग्रहालय को सौंपा जा सकता है। इसके अलावा सभी राज्यों की सरकारों को भी पत्र भेजा गया है कि वे संग्रहालय को सामग्री भेंट करें। इस कार्य की जिम्मेदारी नेशनल म्यूजियम के रिटायर्ड कर्मचारी संजीव सिंह को दी गई है। संग्रहालय में तीन गैलरी होंगी। इनमें एक गैलरी सरकार के लिए आरक्षित होगी। एक गैलरी आईआईटी मद्रास तैयार कर रहा है, जिसमें 7डी तकनीक पर रामकथा का प्रजेंटेशन होगा। सिविल कार्य पूरा हो चुका है और अब गैलरी में डिस्प्ले का कार्य शुरू होगा।

    कौन हैं कृष्ण मोहन ?
    हरदोई जिले के सिकंदरपुर बाजार, मजरा चंद्रपुर निवासी कृष्ण मोहन पूर्व भारतीय वन सेवा अधिकारी रहे हैं। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से भूविज्ञान में एम.एससी. की और परमाणु ऊर्जा विभाग में वैज्ञानिक पद पर कार्य किया। 1978 में भारतीय वन सेवा में चयनित होकर महाराष्ट्र में कई पदों पर सेवाएं दीं और 2012 में ए.पी.सी.सी.एफ. पद से सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के बाद से वह सामाजिक और धार्मिक कार्यों से जुड़े हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में नगर, जिला और प्रांत स्तर पर दायित्व निभाने के बाद वर्तमान में वे पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक हैं। दलित समाज से आने वाले कृष्ण मोहन का जीवन सामाजिक समरसता को समर्पित रहा है।

    बैठक में शामिल सदस्य
    बैठक में पूज्य शंकराचार्य वासुदेवानंद, महंत नृत्य गोपाल दास, गोविंद देव गिरि, जगद्गुरु विश्वप्रसन्न तीर्थ, महंत दीनेंद्र दास, चंपत राय, नृपेंद्र मिश्र, डॉ. अनिल मिश्र और डीएम निखिल टीकाराम फुंडे शामिल हुए। ऑनलाइन जुड़ने वालों में के. पराशरण, स्वामी परमानंद महाराज और यूपी गृह विभाग के नामित गौरव दयाल रहे।

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