More

    SEBI ने Gensol और Jaggi भाइयों पर प्रतिबंध बरकरार रखा, फंड डायवर्जन के आरोपों की जांच जारी

    व्यापार : जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके पूर्व निदेशकों अनमोल सिंह जग्गी व पुनीत सिंह जग्गी पर सेबी का शिकंजा बरकरार है। बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को कंपनी और उसके पूर्व निदेशकों को प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित करने के अपने अंतरिम आदेश को बरकरार रखा है। इन पर फंड डायवर्जन और कॉर्पोरेट गवर्नेंस की विफलताओं से जुड़ी चिंताओं के बाद कार्रवाई की गई थी।

    इसके अलावा नियामक ने कहा कि जग्गी बंधु जेनसोल में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद धारण करने से प्रतिबंधित रहेंगे। जग्गी बंधु इलेक्ट्रिक वाहन राइड-हेलिंग कंपनी ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी के सह-संस्थापक भी हैं। यह अंतिम आदेश ऐसे समय में आया है, जब कंपनी कोर्ट की ओर से नियुक्त एक पेशेवर की देखरेख में दिवालियेपन की कार्यवाही से गुजर रही है। सेबी ने जग्गी बंधुओं पर अपनी सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी जेनसोल से ऋण राशि को निजी इस्तेमाल के लिए गबन करने का आरोप लगाया है, जिससे कॉर्पोरेट गवर्नेंस और वित्तीय कदाचार को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। आदेश में सेबी ने कहा कि पैसे के दुरुपयोग और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों (सीआरए) को दिए गए पत्रों में हेराफेरी के प्रथम दृष्टया निष्कर्ष का कंपनी के प्रवर्तकों की ओर से अभी तक खंडन नहीं किया गया है।

    सेबी ने कहा कि उसे पहले लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने या संशोधित करने का कोई कारण नहीं दिखता। ऐसे में अपने अंतरिम आदेश के निर्देशों की पुष्टि करता है। हालांकि, नियामक ने साफ किया कि जेनसोल से संबंधित निर्देश दिवालियापन प्रक्रिया की देखरेख करने वाले सक्षम न्यायाधिकरण या न्यायालय के किसी भी आगे के आदेश के अधीन रहेंगे। आदेश के मुताबिक, पुनीत सिंह जग्गी ने तर्क दिया कि वह कंपनी के दैनिक कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल नहीं थे, क्योंकि वह किसी अन्य उद्यम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बंगलूरू चले गए थे। हालांकि, सेबी ने इस बचाव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जग्गी एक निदेशक के रूप में जिम्मेदारी का पद संभालते हैं और अपनी संलिप्तता से इनकार नहीं कर सकते। खासकर जब वे वेलरे नामक संस्था के माध्यम से डायवर्ट किए गए धन के प्रत्यक्ष लाभार्थी प्रतीत होते हैं।

    नियामक ने अपने जांच प्राधिकरण को जग्गी की सटीक भूमिका की आगे जांच करने का निर्देश दिया है। अपने अंतरिम आदेश में सेबी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए निर्धारित धनराशि अक्सर जेनसोल या जग्गी बंधुओं से जुड़ी संस्थाओं को वापस भेज दी जाती थी। कुछ धनराशि का उपयोग प्रमोटरों के निजी खर्चों, जैसे एक आलीशान अपार्टमेंट की खरीद, करीबी रिश्तेदारों को धन हस्तांतरण और प्रमोटरों के स्वामित्व वाली निजी संस्थाओं को लाभ पहुँचाने वाले निवेशों के लिए किया जाता था। आदेश के बाद दोनों भाइयों ने कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था।

    Latest news

    Related news

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here