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    बाढ़ का साया पंजाब पर, BSF की चौकसी में बदलाव, पाकिस्तान बॉर्डर से एक किमी पीछे हटकर जवान छतों पर निगरानी कर रहे

    नई दिल्ली/चंडीगढ़: पंजाब में बाढ़ से जनजीवन अस्तव्यस्त है। इसका असर पाकिस्तान बॉर्डर से लगते इलाकों में भी हो रहा है। सबसे गंभीर स्थिति फिरोजपुर और गुरदासपुर इलाकों की है। जहां भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर आठ से 10 फुट तक पानी जमा हो गया है। हालात इतने गंभीर हैं कि यहां तैनात बीएसएफ के जवानों को अपनी बीओपी यानी बॉर्डर आउटपोस्ट से एक किलोमीटर तक पीछे हटना पड़ गया है। क्योंकि, करीब 100 चौकियां जलमग्न हो गई हैं। बॉर्डर पर लगी कुछ फ्लड लाइट भी डैमेज हुई हैं। इनमें से कुछ चौकियों की छतों पर चढ़कर बीएसएफ के जवान देश की सुरक्षा कर रहे हैं। लेकिन कुछ बीओपी की तरफ बाढ़ का पानी इतना अधिक भर गया है कि वहां बीओपी की छतों पर भी नहीं ठहरा जा सकता। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ पोस्ट छोड़कर जवानों को पीछे हटकर एक और 'डिफेंस लाइन' बनानी पड़ी है।

    पाकिस्तानी सीमा की तरफ भी पानी जमा
    बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि अमृतसर इलाके में पाकिस्तानी सीमा की तरफ भी पानी जमा है, लेकिन अधिक नुकसान गुरदासपुर और फिरोजपुर में हुआ है। यहां 1988 में आई बाढ़ से भी अधिक नुकसान हुआ है। पानी उतरने के बाद इसका सही से आकलन किया जाएगा। तभी पता लगेगा कि कितना नुकसान हुआ है। क्योंकि, 100 किलोमीटर से अधिक दूरी में बॉर्डर पर लगी फेंसिंग भी डैमेज हुई है। यह बाढ़ कहीं गिर गई तो कहीं टूट गई है। कहीं पाकिस्तान की तरफ से कोई घुसपैठ ना कर ले। इसके लिए बीएसएफ के जवान चौकस होकर ड्रोन से सर्विलांस कर रहे हैं। साथ ही रात के अंधेरे को चीरकर भी देखने में माहिर इन्फ्रारेड इलुमिनेटर (IR) से लैस दुरबीनों से भी निगरानी की जा रही है। बीएसएफ बोट से भी निगरानी कर रही है।

    बीएसएफ के अधिकारियों ने क्या कहा
    अधिकारियों का कहना है आईबी इलाके में अधिक पानी भरने की वजह से वहां से कुछ चौकियों से पीछे हटना पड़ा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि निगरानी में कहीं कोई कमी की गई है। बीएसएफ ने पानी के पीछे अपनी एक और डिफेंस लाइन बना ली है। ताकि बाढ़ का फायदा उठाकर पाकिस्तान की तरफ से कोई घुसपैठ ना करने पाए। हालांकि, बीएसएफ अधिकारी इसे काफी मुश्किल बता रहे हैं, क्योंकि बाढ़ से हालात पाकिस्तान की तरफ भी गंभीर हैं। लेकिन फिर भी किसी भी तरह की घुसपैठ की आशंका को खत्म करने के लिए निगरानी रखी जा रही है।

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