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    गडकरी से नाराज हुए सिद्धरमैया, सिगंदूर पुल के उद्घाटन में नहीं हो शामिल

    बेंगलुरु। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कर्नाटक के शिवमोगा में देश के दूसरे सबसे लंबे केबल-आधारित सिगंदूर पुल का उद्घाटन किया। कार्यक्रम का कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने बहिष्कार किया और दावा किया कि उन्हें इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया था।
    सिद्धरमैया ने बाद में पीएम मोदी को पत्र लिखकर केंद्र पर प्रोटोकॉल के गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता ने अपने पत्र में दावा किया कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्य सरकार से परामर्श किए बिना शिवमोगा के सागरा तालुक में कार्यक्रम आयोजित किया और बिना किसी पूर्व सूचना के निमंत्रण पत्र पर उनका नाम अंकित किया गया था। इससे पहले गडकरी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि सिद्धरमैया को 11 जुलाई को कार्यक्रम की अध्यक्षता के लिए निमंत्रण दिया गया था। कार्यक्रम संबंधी किसी भी संभावित चुनौती को देखते हुए 12 जुलाई को एक और पत्र भेजा गया, जिसमें डिजिटल के जरिए उनकी उपस्थिति का अनुरोध किया गया था। उन्होंने सीएम को लिखे गए दोनों पत्र भी ‘एक्स’ पर पोस्ट किए हैं।
    हालांकि, सिद्धरमैया ने सोमवार को एक सवाल के जवाब में कहा था कि हममें से कोई भी भाग नहीं ले रहा है, क्योंकि मुझे आमंत्रित नहीं किया गया। मैंने नितिन गडकरी से फोन पर बात की और उन्हें इस बारे में सूचित किया। उन्होंने कहा कि वह कार्यक्रम स्थगित कर देंगे। फिर मैंने उन्हें एक पत्र लिखा। संभवत: बीजेपी नेताओं के दबाव डालने के कारण मुझे कुछ बताए बिना वे ऐसा कर रहे हैं। मैं नहीं जा रहा हूं। मेरा इंडी में एक पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम है। कार्यक्रम एक महीने पहले से तय था, मैं वहां जा रहा हूं। उन्होंने बेंगलुरु में पत्रकारों से कहा कि विरोध स्वरूप हममें से कोई भी नहीं जा रहा है। न तो मैं, न पीडब्ल्यूडी मंत्री, न जिला प्रभारी मंत्री और न ही सागर विधायक।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें केंद्र द्वारा आमंत्रित किया जाना चाहिए था, ठीक कहा न? टकराव किसने शुरू किया है? उन्होंने ही टकराव शुरू किया है। ‘प्रोटोकॉल’ का पालन करना होगा। यह कार्यक्रम हमारे राज्य में हो रहा है, हम एक संघीय व्यवस्था में हैं। सिद्धरमैया के दावे को खारिज करते हुए गडकरी ने अपने पोस्ट में कहा कि केंद्र सरकार स्थापित ‘प्रोटोकॉल’ का पालन करती रही है और कर्नाटक सरकार और मुख्यमंत्री के योगदान और सहयोग की निरंतर सराहना करती रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सहकारी संघवाद और सभी राज्यों के साथ घनिष्ठ समन्वय के लिए प्रतिबद्ध है। 
    बीजेपी सांसद राघवेंद्र ने एक्स पर कहा कि 9 जुलाई को उन्होंने सीएम को पुल के उद्घाटन के लिए बेहद आदर के साथ आमंत्रित किया था। सीएम जिस तरह से सार्वजनिक रूप से कह रहे हैं कि उन्हें निमंत्रण देर से मिला है, क्या यह उचित है? उन्होंने कहा कि शरावती नदी पर बना यह पुल छह दशकों के संघर्ष और हजारों लोगों की मेहनत का परिणाम है। इतना ही नहीं यह हजारों लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि उनकी भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं।
    बता दें अधिकारियों के मुताबिक सागरा तालुक में अंबरगोडलु-कलासवल्ली के बीच ‘शरावती बैकवाटर’ पर बने इस पुल का निर्माण 472 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है। इस पुल से सागरा से सिगंदूर के आसपास के गांवों की दूरी काफी कम होने की उम्मीद है, जो चौदेश्वरी मंदिर के लिए जाना जाता है।

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