फतेहाबाद: विश्व की सबसे बड़ी बीमारी से जुझ रहे हरियाणा पुलिस के कांस्टेबल के बेटे को करोड़ों रुपये के इंजेक्शन के लिए अभी 2 करोड़ रुपये की और आवश्यकता है। हरियाणा पुलिस औ फतेहाबाद की साइबर शाखा में तैनात कांस्टेबल राजेश कुमार और उनकी पत्नी फूड एंड सप्लाई विभाग में क्लर्क के पद पर तैनात हैं। कांस्टेबल राजेश के बेटे युवांश को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी की बीमारी है। जिससे शरीर की ग्रोथ नहीं होती। जब बच्चे को इस की बीमारी का पता चला तो, परिजनों को पता चला कि इस बीमारी के लिए एक इंजेक्शन लगेगा, जो स्विटजरलैंड के जेनेवा से मिलेगा। इस इंजेक्शन की कीमत 14.50 करोड़ रुपये थी। अब कंपनी ने 9 करोड़ में यह इंजेक्शन देने की बात कही है।
राजनीतिक, पुलिस और सामाजिक संस्थाओं की मदद से अब तक बच्चे के लिए 7 करोड़ रुपये की मदद मिल चुकी है, लेकिन अभी भी 2 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। युवांश का जन्म 9 अक्तूबर को है और वह एक साल का हो जाएगा। चिकित्सकों के अनुसार, बच्चे को दो साल के भीतर यह इंजेक्शन लगाना अति आवश्यक है। युवांश के पिता राजेश कुमार ने बताया कि जब बेटे की जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष शुरू किया तब इंजेक्शन की कीमत 14.50 करोड़ रुपए थी। अपना सबकुछ बेचकर भी हम इतनी बड़ी रकम नहीं जुटा पाते।
सोशल मीडिया पर की लोगों से अपील
उन्होंने बताया कि वो दिन-रात छोटे बच्चे की तरफ देखकर रोते रहते थे। बेटे की जिंदगी बचाने के लिए हमने सोशल मीडिया पर लोगों से आग्रह किया। जिसमें अनेक लोगों ने सहयोग किया है। हरियाणा के पुलिस कर्मचारियों ने अपने एक-एक दिन का वेतन बेटे के लिए दिया। इसेक अलावा राजनीति से जुड़े और हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने अपनी ओर से 20 लाख, स्थानीय विभाग के मंत्री विपुल गोयल ने 9 लाख, सहकारिता मंत्री अरविंद शर्मा ने 5 लाख, पयर्टन मंत्री राव नरबीर सिंह ने 5 लाख रुपए, पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने 5 लाख, पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा और खेल मंत्री गौरव गौतम ने 2-2 लाख रुपए की ग्रांट दी। इसके अतिरिक्त राज्यपाल कार्यालय की ओर से 5 लाख और पूर्व मंत्री एवं हिसार की विधायक सावित्री जिंदल द्वारा भी 5 लाख रुपए की मदद दी गई। वहीं फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट की ओर से भी युवांश के लिए फंड एकत्रित किया गया।
अब सिर्फ 2 करोड़ की आवश्यकता
कांस्टेबल राजेश कुमार ने बताया कि बेटे को लगने वाले इंजेक्शन की कीमत करीब 14.50 करोड़ रुपए है। लेकिन अभी केवल 7 करोड़ रुपये की फ´डिंग हुई है। निर्माता कंपनी से बातचीत हुई तो उन्होंने 9 करोड़ रुपये में इंजेक्शन देने की बात कही है। 7 करोड़ एकत्रित हो चुके हैं और अब केवल 2 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। यह राशि एकत्रित होते ही वह जेनेवा से इंजेक्शन मंगवा लेंगे।
ऐसी बीमारी जिसमें शरीर ग्रोथ नहीं करता
राजेश कुमार ने बताया कि उसके बेटे का जन्म 9 अक्टूबर 2024 को बेटा हुआ। जब वह दो माह का था तो सामान्य बच्चों की तरह वह एक्टिवीटी नहीं कर रहा था। इसके बाद चिकित्सकों को दिखाया गया तो उन्होंने बताया कि उनका बेटा लेट विकास करेगा। लेकिन जब छह माह बाद उसके बेटे की छाती में आवाज आने लगी तो उन्होंने दोबारा चिकित्सकों से परामर्श लिया। मगर जब दोबारा डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने हायर सेंटर पीजीआई या एम्स में दिखाने की सलाह दी। इसके बाद मई महीने में हिसार के एक अन्य प्राइवेट अस्पताल में दिखाया तो डॉक्टर न टेस्ट करवाया। 18 मई को आई टेस्ट की रिपोर्ट में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 बीमारी मिली। डॉक्टर ने सुझाव दिया कि चंडीगढ़ पीजीआई या एम्स में ट्रीटमेंट शुरू करवाओ।
पीजीआई के डॉक्टरों ने क्या बताया
राजेश ने बताया कि 22 मई को वह पीजीआई में डॉक्टर के पास गाए। वहां उन्होंने बताया कि बताया कि रीढ़ की हड्डी में न्यूरांस बनते हैं। इन न्यूरांस से ही सेल बनते हैं, जो शरीर की ग्रोथ करते हैं। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 बीमारी होने पर न्यूरांस नहीं बनते हैं। न्यूरांस नहीं बनने पर शरीर ग्रोथ नहीं करता है। शरीर सूख जाता है। राजेश ने बताया कि यह इंजेक्शन 2 साल की उम्र तक लगवाना जरूरी है। हर रोज बीमारी बढ़ती है। इसलिए तत्कल इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। इंजेक्शन आने के बाद दो से तीन महीने तक ट्रीटमेंट चलता रहेगा।