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    पैसे को बढ़ाने का सवाल: Mutual Funds बनाम RD, कौन देगा ज्यादा फायदा?

    व्यापार: अपनी कमाई को बचाने का हसल आज का नहीं है. लोग चाहे जितना कमाएं निवेश करने का जरूर सोचते हैं. क्योंकि निवेश ही एक तरीका है जो आपके बुरे दिनों में काम आएगा. जब पैसे की सबसे ज्यादा जरूरत होगी तो आपके जमा किए गए पैसे आपकी बहुत मदद करते हैं. रही बात की निवेश कैसे करेंगे तो इसके लिए मार्केट में बहुत सारे तरीके हैं. उन्हीं में से दो आरडी और म्यूचुअल फंड में निवेश बेहतर तरीका है. आइए जानते हैं कि इनमें से आपके लिए कौन सा इंवेस्टमेंट प्लान सही होगा.

    RD और SIP
    आरडी एक ऐसा निवेश है जिसमें आप हर महीने तय रकम बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा करते हैं. इसकी ब्याज दर तय होती है, इसलिए इसमें जोखिम नहीं होता. तय समय पूरा होने पर आपको आपकी जमा राशि और उस पर मिला ब्याज, दोनों मिलते हैं.

    वहीं, SIP म्यूचुअल फंड में धीरे-धीरे निवेश करने का तरीका है. इसमें आप हर महीने एक निश्चित रकम लगाते हैं जो शेयर बाजार में निवेश होती है. इसमें कुछ जोखिम जरूर होता है, लेकिन लंबे समय में रिटर्न RD से ज्यादा मिल सकते हैं. इसको भी कभी भी रोका या बदला जा सकता है, क्योंकि इसमें कोई सख्त लॉक-इन पीरियड नहीं होता. आप बाजार के उतार-चढ़ाव का फायदा उठाते हुए औसतन 10-15% सालाना रिटर्न कमा सकते हैं, हालांकि शॉर्ट टर्म में नुकसान का खतरा रहता है और आरडी में जोखिन न के बराबर है.

    RD और SIP में अंतर
    बैंक या पोस्ट ऑफिस के रिकरिंग डिपॉजिट और म्यूचुअल फंड्स के सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश चुनते समय निवेशक को सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि दोनों के बीच बड़े अंतर हैं. आरडी में निवेश बैंक या पोस्ट ऑफिस के जरिए होता है, जहां फिक्स्ड और गारंटीड रिटर्न मिलते हैं (6% से 7.5% सालाना) जोखिम बहुत कम है, लेकिन तय लॉक-इन अवधि 6 माह से 10 साल रहती है और मैच्योरिटी से पहले निकासी पर पेनल्टी लगती है. साथ ही ब्याज पर टैक्स देना पड़ता है, जो सुरक्षित और निश्चित रिटर्न चाहने वालों के लिए उपयुक्त है.

    वहीं, एसआईपी म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से चलता है, जहां रिटर्न मार्केट पर निर्भर वैरिएबल होते हैं लॉन्ग टर्म में औसतन 10% से 15% जोखिम मध्यम से उच्च स्तर का है, कोई फिक्स लॉक-इन नहीं बल्कि फ्लेक्सिबल विकल्प, आंशिक या पूरी निकासी आसान और इक्विटी SIP पर 1 साल बाद LTCG टैक्स लागू होता है. यह लंबी अवधि में ज्यादा कमाई की चाह रखने वालों के लिए बेहतर साबित हो सकता है. कुल मिलाकर दोनों स्कीम्स के अपने नफे नुकसान हैं.

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