मिट्टी के कलश से घट स्थापना इसलिए की जाती है क्योंकि अन्य धातु के कलश को स्थापित करने पर कोई लाभ नहीं होता है। घट स्थापना के दौरान मिट्टी के कलश में जल भरकर उसमें आम के पत्ते और ऊपर नारियल रखा जाता है।
प्राचीन समय से ही घट स्थापना मिट्टी के कलश से की जाती है लेकिन समय बदलने के साथ मिट्टी के कलश की जगह स्टील या अन्य धातु के कलश प्रयोग किए जाते हैं। नवरात्रि में मिट्टी का कलश स्थापित करने पर देवी मां प्रसन्न होती है और सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश को स्थापित किया जाता है। धार्मिक मान्यताएं
प्राचीन समय से ही नवरात्रि में मिट्टी का कलश स्थापित करने की धार्मिक मान्यता है. धार्मिक ग्रंथो में मिट्टी पवित्र होती है जिस कारण नवरात्रि की शुरुआत में घट स्थापना करने से देवी मां संपूर्ण फल प्रदान करती हैं। जब घट स्थापना की जाती है तो मिट्टी के घड़े (कलश) में शुद्ध जल भरकर उसके ऊपर 9 आम के पत्ते रखकर उसके ऊपर पानी वाले नारियल पर कलावा बांधकर रखा जाता है।
मिट्टी का कलश है जरूरी
मान्यताओं के अनुसार सृष्टि का निर्माण वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी, आकाश से मिलकर हुआ है और मिट्टी के घड़े में पानी भरकर आम के पत्ते, पानी वाला नारियल रखने को अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश यानी सृष्टि के निर्माण का प्रतीक माना गया है। यदि नवरात्रि के दिनों में स्टील या अन्य धातु के कलश को स्थापित किया जाता है तो उसे नवरात्रि का कोई फल नहीं मिलता है.
मिट्टी के कलश से इसलिए की जाती है घट स्थापना
