नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के मु्ख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्रकों से वसूली मामले में सख्त एक्शन लिया है। यूपी-बिहार की सीमा पर पड़ने वाले बलिया का भरौली तिराहा पर बुधवार रात डेढ़ बजे रोज की तरह ट्रकों की लाइनें लगी थी और पुलिसकर्मी और दलाल वसूली में व्यस्त थे, उसी समय सामान्य कपड़ों में दो व्यक्ति वहां पहुंचते है। भाव-ताव कर सच्चाई समझते हैं। जिसके बाद पूरे महकमें पर गाज गिर जाती है।
दरअसल साधा कपड़ो में कोई और नहीं एक एडीजी वाराणसी पीयूष मोर्डिया और दूसरे डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण थे। दोनों ही अधिकारी बक्सर से एक ट्रक में बैठकर वहां पहुंचे थे। अचानक ही हुई इस छापेमारी से भगदड़ मच जाती है, लेकिन दो पुलिसकर्मी और 16 दलाल पकड़ लिए जाते हैं। इसके बाद सीएम योगी ने बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई करने के आदेश दे दिए। एसपी देवरंजन वर्मा व एएसपी दुर्गा तिवारी को पद से हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया है।
सीओ शुभ सुचित को निलंबित कर दिया गया। 32वीं वाहिनी पीएसी में कमांडेंट रहे विक्रांत वीर को बलिया का एसपी बनाया गया है। इससे पूर्व छापेमारी के बाद एसओ पन्नेलाल, चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर व सात पुलिसकर्मियों समेत 23 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। थानाध्यक्ष व कोरंटाडीह चौकी के सभी आठ पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया गया, जबकि वसूली में लिप्त रहे तीन पुलिसकर्मी विष्णु यादव, दीपक मिश्र व बलराम सिंह भाग निकले, जिनकी तलाश चल रही है। पुलिस ने मौके से 37,500 रुपये नकद और 14 बाइक के अलावा 25 मोबाइल भी बरामद किए। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीओ, एसओ व चौकी प्रभारी के खिलाफ संपत्तियों की विजिलेंस जांच कराने का आदेश भी दिया है।
अवैध वसूली की शिकायतें अधिकारियों को मिल रही थीं
बता दें कि बलिया से गुजरने वाले ट्रकों से अवैध वसूली कर मोटी रकम छापने की शिकायत पर प्रशासन निगाहे रखे हुए था। प्रतिदिन रात में वहां ट्रक चालकों को रोककर वसूली की जाती थी। डर के कारण ट्रक चालक पैसे दे देते थे। भरौली तिराहा नरही थानाक्षेत्र में आता है और इस चेकपोस्ट पर कोरंटाडीह चौकी के पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगती थी। यहां से बिहार के बक्सर की ओर से आने वाले ट्रकों से अवैध वसूली की शिकायतें अधिकारियों को मिल रही थीं। बक्सर में माइनिंग होती है और उधर से ट्रकों में बालू, मिट्टी, पशुओं और कोयले आदि का परिवहन किया जाता है।
रंगे हाथ पकड़ने के बाद सीएम योगी ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। जानकारी के मुताबिक सालाना 18 करोड़ की वसूली की जाती थी। डीआईजी ने बताया कि इस प्रकरण की जांच आजमगढ़ के एएसपी शुभम अग्रवाल को सौंपी गई है। थानाध्यक्ष पन्नेलाल मौके पर नहीं थे। उनका आवास सील कर दिया गया है। पकड़े गए पुलिसकर्मियों के नाम हरदयाल व सतीश गुप्ता हैं।