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    विदिशा का ताले वाली माता का प्राचीन मंदिर, भक्त करते हैं किस्मत बदलने का दावा

    विदिशा: मध्य प्रदेश में देवी माता के कई ऐसे प्राचीन मंदिर है जहां भक्तों का मानना है कि उनकी अटूट कृपा से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ऐसे मंदिरों को लेकर कई मान्यताएं और किवदंतियां भी प्रचलित हैं. ऐसा ही माता रानी का एक मंदिर विदिशा में है. इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां जो भी भक्त अपनी परेशानी लेकर आता है, माता उसकी हर समस्या का समाधान करती हैं लेकिन यहां स्थित बेरी के पेड़ पर ताला लगाना होता है. इस कारण अब यह मंदिर ताले वाली माता के नाम से ही जाना जाता है.

    नवग्रह शनि मंदिर में विराजमान हैं ताले वाली माता

    विदिशा में बेतवा नदी के किनारे स्थित है भव्य और प्राचीन नवग्रह शनि मंदिर. लगभग 150 वर्ष से भी अधिक पुराने इस मंदिर की पहचान सिर्फ शनिदेव से ही नहीं, बल्कि यहां विराजमान ताले वाली दुर्गा माता से भी है. यहां भक्तों की अटूट आस्था इस मंदिर में लगे तालों से देखी जा सकती है. भक्त बताते हैं कि यहां ताले लगाने से हर मन्नत पूरी होती है.

    पेड़ पर लटक रहे हैं आस्था के हजारों ताले

    माता के पास स्थित बेरी के पेड़ पर लटक रहे ताले बताते हैं कि बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं और अपनी मनोकामना को लेकर ताले लगाते हैं और माता से प्रार्थना करते हैं कि मां दुर्गा उनकी हर परेशानी दूर कर देंगी.

    पुजारी गणेश जोशी बताते हैं कि "जो भी भक्त किसी विवाद, बीमारी या मुश्किल में घिरा होता है, वह माता की पूजा अर्चना के बाद पास स्थित बेरी के पेड़ पर ताला लगाकर जाता है. ऐसी मान्यता है कि माता उस कष्ट को दूर करती हैं और श्रद्धालु की हर मनोकामना पूरी करती हैं. जब भक्तों की इच्छा पूरी हो जाती है तो लोग यहां दोबारा आकर प्रसाद चढ़ाते हैं और माता का आभार जताते हैं."

    'मिट्टी में दब गए हजारों ताले'

    पुजारी गणेश जोशी बताते हैं कि "भक्तों की माता रानी को लेकर इतनी आस्था है कि यहां बड़ी संख्या में ताले लटक चुके हैं, जिनकी कोई गिनती तक नहीं है. कई ताले तो समय के साथ मिट्टी में दब गए हैं. पूरा पेड़ तालों से लद चुका है. इसके चलते अब उसके बगल में ही एक पेड़ की आकृति का लोहे का स्टैंड भी बनाना पड़ा है जिस पर श्रद्धालु अपनी मन्नत का ताला लगा सकें."

    'माता पूरी करती हैं हर मनोकामना'

    भक्त नरोत्तम दास बैरागी बताते हैं कि "यहां पर बेरी माता के नाम से ताला लगता है और जो भी मनोकामनाएं होती हैं वह पूरी हो जाती हैं. मैं भी अपनी मनोकामना को लेकर ताला लगाने आया था मुझे पूरा विश्वास है कि माता रानी मेरी इच्छा फिर पूरी करेंगी. इससे पहले भी मैं यहां ताला लगा चुका हूं. तब मैं पहले किराए के घर में रहता था और यहां आकर ताले वाली माता से अपना खुद का घर होने की मन्नत मांगी थी. माता की कृपा से आज मेरे 2 मकान हो गए हैं. तभी से मेरा विश्वास और भी बढ़ गया है. यहां रोज सैकड़ों लोग ताला लगाने आते हैं."

     

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