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    आवामी लीग पर प्रतिबंध हटा? यूनुस ने कहा- “हमने पार्टी को बैन नहीं किया,” क्या चुनाव लड़ पाएगी शेख हसीना की पार्टी?

    बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पहली बार चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर बड़ा यूटर्न लिया है. बीबीसी से बात करते हुए यूनुस ने कहा है कि शेख हसीना की अवामी लीग 2026 के चुनाव में लड़ भी सकती है. यूनुस ने कहा कि आवामी लीग पर अभी अस्थाई प्रतिबंध लगाया गया है.

    यूनुस के मुताबिक शेख हसीना की पार्टी चुनाव लड़ेगी या नहीं, इस पर चुनाव आयोग को फैसला करना है. चुनाव आयोग पूरी तरह स्वतंत्र है और चुनाव की घोषणा के बाद इस पर फैसला हो सकता है.

    शेख हसीना के भागने से दिक्कत नहीं- यूनुस

    इंटरव्यू में यूनुस ने कहा कि शेख हसीना जब बांग्लादेश से भाग गईं, तब हमने कहा कि पुरानी बातों को छोड़कर अब आगे बढ़ने का वक्त है. हमने उसी दिशा में काम करना शुरू किया.

    यूनुस के मुताबिक लेकिन बात तब बिगड़ गई, जब हसीना भारत से एक्टिव हो गईं. बांग्लादेश के लोगों में इसको लेकर गुस्सा पनपने लगा है. हम सिचुएशन कंट्रोल करने में लगे हैं.

    हसीना का एक्टिव होना ज्यादा खतरनाक है. हसीना पर बांग्लादेश में गंभीर आरोप लगे हैं. उन पर भ्रष्टाचार और नरसंहार के आरोप हैं.

    मई में अवामी लीग पर लगाया था बैन

    मई 2026 में यूनुस की अंतरिम सरकार ने अवामी लीग के क्रियाकलापों पर अस्थाई रूप से प्रतिबंध लगा दिया था. यूनुस सरकार का कहना था कि आवामी लीग चुनावी लूट में शामिल रही है, इसलिए उसे लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव नहीं लड़ने दिया जा सकता है.

    अवामी लीग पर बैन का फैसला युवा नेता नाहिद इस्लाम की मांग के बाद किया गया था. नाहिद का कहना था कि जिस पार्टी की सरकार ने हजारों बांग्लादेशियों के साथ अन्याय किया, उसे कैसे चुनाव लड़ने दिया जा सकता है?

    यूनुस के बयान के मायने क्या हैं?

    यूनुस ने यह बयान लंदन दौरे के तुरंत बाद दिया है. लंदन दौरे पर यूनुस ने बांग्लादेश नेशनल पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान से मुलाकात की थी. इस मुलाकात में यूनुस ने तारिक के साथ कथित तौर पर एक डील की.

    इस डील के तहत मार्च 2026 से पहले तारिक के लिए कुर्सी छोड़ दी जाएगी. इसके लिए बांग्लादेश में फरवरी 2026 में आम चुनाव कराए जाएंगे. सबसे बड़ी पार्टी होने की वजह से तारिक को बांग्लादेश के चुनाव में बढ़त मिलने का अंदेशा है.

    लंदन में इस डील के बाद यूनुस पर पक्षपात के आरोप लग रहे हैं. कई अपने ही यूनुस के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. कहा जा रहा है कि शेख हसीना पर इस तरह का यूटर्न लेकर यूनुस अपनी साख बचाने में जुटे हैं.

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