किशनगढ़ बास में 36 बिरादरी के मोक्ष धाम की चार दिवारी के लिए 2 साल से सरकारी मदद का इंतजार। जनप्रतिनिधि दे रहे आश्वासन, काम ठप।
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किशनगढ़ बास। शहर में 36 बिरादरी के लोगों का मौक्ष धाम बांसड़ा रोड पर है। इस मोक्ष धाम की जगह को और बढ़ाने के लिए करीब 2 साल पहले कमेटी को 1200 फीट जमीन दान की गई। मोक्ष धाम से जमीन को जोड़ने के लिए चार दिवारी की जानी है। कमेटी की ओर से एक साल से सरकारी मदद से चारदीवारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। नगर पालिका के पास बजट नहीं है, और विधायक कांग्रेस का है वह आश्वासन पर आश्वासन देते आ रहे।
किशनगढ़ बास नगर पालिका में गांव गंज बास कृपाल नगर बासड़ा भूरपहाड़ी टाकाहैडी सत्ती की ढाणी को मिलाकर 25 वार्ड लगते हैं। इनमें किशनगढ़ शहर में पांच मोक्ष धाम है जिनमें तीन सार्वजनिक और दो निजी व एक वाल्मीकि समाज का है। वैसे नगर पालिका के गंज बासड़ा भूरपहाड़ी दयालपुर टाकाहेडी और बास कृपाल नगर में निजी और सार्वजनिक शमशान है। यहां कुछ श्मशानों पर नगर पालिका की ओर से विकास के काम कराए गए हैं। लेकिन शहर के सबसे प्रमुख 36 कोमो के मोक्ष धाम को आज तक सरकारी मदद नहीं मिल सकी है।
हम बात करे शहर के बासड़ा रोड स्थित मौक्ष घाम की तो 12 से अधिक वार्डों के लोग अंत्येष्टि के लिए यहां पर आते हैं। इस मोक्ष धाम के विकास की बात की जाए तो इसकी चार दिवारी करीब 30 साल पहले एक बीड़ी व्यापारी ने कराई थी। इसके बाद फिर 25 साल पहले लायंस क्लब की ओर से बैठने के लिए बरामदे का निर्माण कराया गया। फिर लंबे अंतराल के बाद 6 साल पहले मोक्ष घाम जीर्ण-शीर्ण अवस्था में आने पर व्यापारी संजय सिंघल रमेश जैन हरमेश खुराना आदि लोगों ने बीड़ा उठाया और शहर से करीब 10 लाख से अधिक की राशि जन सहयोग से एकत्रित कर मोक्ष धाम का जीर्णोद्धार कराया।
इससे पहले भी अंत्येष्टि स्थल के ऊपर टीन शेड के लिए शहर से चंदा किया गया। मोक्ष धाम के गेट का निर्माण भामाशाहों के द्वारा कराया गया है। पानी का बोरिंग भामाशाहों के द्वारा कराया गया। आइस बॉक्स भामाशाहों ने दान किए हैं। मोक्ष धाम पर लकड़ी की व्यवस्था कमेटी की ओर से की जाती है। लावारिस व गरीब व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए कमेटी की ओर से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।
बढ़ती आबादी के चलते मोक्ष धाम की जगह छोटी पढ़ने लगी मोक्ष धाम से लगती खाली पड़ी जमीन को लेकर प्रयास किए गए परंतु बात नहीं बनी। करीब दो साल पहले मोक्ष धाम से लगती जमीन का बेचान हो गया और करीब 1200 फीट जमीन समाज सेवी संयुक्त व्यापार महासंघ अध्यक्ष परमानंद लखयाणी के प्रयासों से मोक्ष धाम को मिल गई।
अब दो साल से मोक्ष धाम की चार दिवारी के लिए पैसे नहीं है। मोक्ष धाम विकास कमेटी के पास इतना बजट नहीं कि वह चार दिवारी का निर्माण करा सके। मोक्ष धाम विकास कमेटी के हरमेश खुराना ने बताया कि दान मिली भूमि पर चार दिवारी व लकड़ी रखने के लिए बरामदा निर्माण कराने के लिए करीब 20 लाख रुपए की जरूरत है और इसके लिए नगर पालिका अध्यक्ष व विघायक सहित जनप्रतिनिधियों से अनेक बार कहा गया है लेकिन आश्वासन सब दे रहे पर निर्माण का काम कोई नहीं करा रहे है।
लगातार बढ़ती आबादी के चलते मोक्ष धाम की जमीन कम पड़ने लगी है। पिछले 30 साल में सिर्फ भामाशाहों के भरोसे विकास हुआ, जबकि नगरपालिका और स्थानीय विधायक से अब तक कोई मदद नहीं मिली।
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