More

    किशनगढ़ बास में बारिश से गंज रोड व मुख्य बाजार जलमग्न, दुकानदारों को भारी नुकसान

    किशनगढ़ बास में 30 मिनट की बारिश से गंज रोड और मुख्य बाजार में जलभराव। दुकानों में पानी घुसने से व्यापारियों को नुकसान। नालों की अधूरी सफाई और अतिक्रमण मुख्य कारण।

    मिशन सच, किशनगढ़ बास।
    किशनगढ़ बास शहर में हर साल बरसात का मौसम आते ही जलभराव की समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है। सोमवार को हुई महज 30 मिनट की तेज बारिश ने एक बार फिर नगर पालिका और प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। गंज रोड और मुख्य बाजार की सड़कें नदी-नाले का रूप ले बैठीं। ऐसा दृश्य देखने के लिए कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती, बल्कि शहरवासी और राहगीर सड़क पर खड़े होकर ही बाघ की ऊपरा जैसी धारा बहते पानी का नजारा देख सकते हैं और कई लोग तो फोटो और वीडियो भी शूट करते नजर आए।

    लेकिन जहां एक ओर यह दृश्य आम लोगों के लिए रोमांचक और देखने लायक होता है, वहीं दूसरी ओर बाजार में व्यापार करने वाले दुकानदारों के लिए यह किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं। 30 मिनट की बारिश में कई दुकानों के भीतर पानी भर गया। बारिश थमने के बाद दुकानदारों को घंटों तक पानी निकालने में मशक्कत करनी पड़ी।

    वर्षों पुरानी समस्या, लेकिन समाधान अधूरा

    गंज रोड और मुख्य बाजार में बरसात के दिनों में पानी भरने की समस्या कोई नई नहीं है। यह समस्या वर्षों से चली आ रही है और इसका मूल कारण अधिकारी और जनप्रतिनिधि सभी जानते हैं। समय-समय पर अधिकारियों की ओर से समाधान के प्रयास भी हुए, लेकिन हर बार यह प्रयास अधूरे रह गए। आखिर किस दबाव या कारण से अधिकारी रुक जाते हैं, यह तो वही बेहतर जानते हैं, लेकिन हकीकत यही है कि जलभराव की समस्या का स्थाई समाधान आज तक नहीं हो पाया।

    नालों की सफाई पर खर्च, फिर भी नाकाम व्यवस्था

    हर साल मानसून शुरू होने से पहले नगर पालिका लाखों रुपए खर्च कर नालों की सफाई करवाने का दावा करती है। इस बार भी करीब 25 लाख रुपए नालों की सफाई पर खर्च किए गए। आनन-फानन में किए गए इन कार्यों को लेकर नगर पालिका ने दावा किया कि बरसाती पानी की निकासी में दिक्कत नहीं होगी। लेकिन पहली ही जोरदार बारिश ने सफाई कार्यों की हकीकत सामने ला दी।

    पार्षदों का आरोप है कि नालों की सफाई अधूरी की गई और केवल खानापूर्ति हुई। कई नालों की गंदगी ज्यों की त्यों बनी रही, जिससे पानी की निकासी अवरुद्ध हो गई। पार्षदों ने इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार के आरोप तक लगाए, लेकिन शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

    प्रशासन और पालिका से बार-बार की गई मांग

    शहर के व्यापारियों और आम नागरिकों ने कई बार एसडीएम, नगर पालिका ईओ और अध्यक्ष से मिलकर जलभराव की समस्या का स्थाई समाधान करने की मांग उठाई। लोगों का कहना है कि पानी निकासी के रास्तों पर स्थाई और अस्थाई अतिक्रमण होने से पानी बाहर नहीं निकल पाता। यदि इन अतिक्रमणों को हटाया जाए और नालों की सही तरह से सफाई की जाए तो समस्या काफी हद तक कम हो सकती है।

    इसके बावजूद अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए। नतीजतन हर साल बरसात के दिनों में गंज रोड और मुख्य बाजार की सड़कें तालाब जैसी स्थिति बना देती हैं और दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

    व्यापारियों की चिंता और नुकसान

    दुकानदारों का कहना है कि हर बार पानी भरने से माल खराब हो जाता है। पानी की नमी से सामान बेकार हो जाता है और हजारों रुपए का नुकसान होता है। इसके अलावा ग्राहकों की आवाजाही भी प्रभावित होती है। कई बार ग्राहक बारिश और जलभराव की वजह से बाजार तक नहीं पहुंच पाते।

    एक व्यापारी ने कहा – “बरसात का मौसम हमारे लिए किसी आपदा से कम नहीं होता। दुकान में पानी घुसने के बाद उसे बाहर निकालने में ही घंटों लग जाते हैं और व्यापार ठप हो जाता है।”

    जलभराव से संक्रमण का खतरा

    बरसात के दिनों में सड़कों पर जमा पानी सिर्फ परेशानी ही नहीं, बल्कि बीमारी का खतरा भी बढ़ाता है। गंदे नालों का पानी बाजार में आने से संक्रमण और मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ जाती है। शहरवासी बार-बार प्रशासन से आग्रह कर चुके हैं कि जलभराव की समस्या को गंभीरता से लिया जाए, अन्यथा यह किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकता है।

    किशनगढ़ बास में गंज रोड और मुख्य बाजार का जलभराव कोई नई समस्या नहीं, लेकिन हर बार बरसात में यह मुद्दा फिर से ताजा हो जाता है। नालों की अधूरी सफाई, अतिक्रमण और लापरवाही इसका मुख्य कारण हैं। जब तक नगर पालिका और प्रशासन गंभीरता से इस ओर कदम नहीं उठाते, तब तक हर साल व्यापारी और आमजन इसी तरह की मुसीबत झेलने को मजबूर रहेंगे।

    Latest news

    Related news

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here