महामण्डल विधान में हजारों लोगों ने भाग लिया
मिशनसच न्यूज,अलवर। दिगम्बर जैनाचार्य वसुनन्दी महाराज के परम प्रभावी शिष्य उपाध्याय विज्ञानन्द महाराज ससंघ के सानिध्य में जैन नसिया जी स्थित जैन वाटिका में चल रहा श्री कल्पद्रुम महामण्डल विधान आज विश्व शांति महायज्ञ और रथयात्रा की वापसी के साथ सम्पन्न हो गया। विधान के समापन के साथ ही बाहर से आये श्रद्वालुओं की वापसी भी शुरू हो गई।
चातुर्मास कमेटी के मुख्य संयोजक पवन जैन चौधरी ने बताया कि दिन का शुभारंभ श्रीजी के अभिषेक, शांतिधारा और नित्य नियम पूजा से हुआ। इसके बाद विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें श्रद्धालुओं ने मंत्रोच्चार के साथ सामग्री की आहुति दी। इस अवसर पर आकर्षक आरती कार्यक्रम भी हुआ।
विधान के दौरान उपाध्याय विज्ञानन्द महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि विधान में भाग लेना सौभाग्य की बात है क्योंकि ऐसे धार्मिक आयोजनों से आत्मा का शुद्धिकरण होता है। उन्होंने कहा कि जीवन में धन और वैभव का अहंकार व्यर्थ है क्योंकि यह सब नश्वर है, परंतु अच्छे कर्म और सच्चे आचरण से मनुष्य मृत्यु के बाद भी लोगों के दिलों में जीवित रहता है।
श्री चन्द्रप्रभ दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर मुंशी बाजार के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद जैन ने बताया कि विश्व शांति महायज्ञ के बाद श्रीजी को स्वर्ण रथ में विराजमान किया गया। रथयात्रा भव्य जुलूस के रूप में अशोका टॉकीज और मालाखेड़ा बाजार होते हुए मुंशी बाजार पहुंची। यहां श्रीजी की प्रतिमा को मंदिर में पुनः विराजमान किया गया। रथयात्रा के दौरान श्रद्धालु भक्ति गीतों के साथ नृत्य करते हुए जिनेन्द्र भगवान का गुणगान कर रहे थे।
जैन पत्रकार महासंघ अलवर के जिला संयोजक हरीश जैन ने बताया कि यह विधान 22 सितम्बर को स्वर्ण रथयात्रा के साथ प्रारंभ हुआ था। 23 से 27 सितम्बर तक विधान के विविध कार्यक्रम चले और 28 सितम्बर को विश्व शांति महायज्ञ के साथ इसका विधिवत समापन हुआ।
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