विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी में आयोजित स्टेट स्टॉक चैंपियनशिप में ट्रांसेज़ेंडर खिलाड़ी लवली सिंगोर, नंदिनी सिंधी, रीतिका सिंह और डॉली भुल्लर ने दो-दो स्वर्ण पदक जीतकर राजस्थान का मान बढ़ाया। अगस्त में चारों खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर करेंगी प्रतिनिधित्व।
ट्रांसेज़ेंडर खिलाड़ियों ने स्टेट स्टॉक चैंपियनशिप में जीते 8 स्वर्ण पदक, राष्ट्रीय स्तर पर करेंगे राजस्थान का प्रतिनिधित्व
मिशनसच न्यूज, जयपुर। खेल के मैदान में प्रतिभा का कोई लिंग, जाति या वर्ग नहीं होता – इस बात को एक बार फिर साबित किया है राजस्थान की चार युवा ट्रांसेज़ेंडर खिलाड़ियों ने। विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी में आयोजित स्टेट स्टॉक चैंपियनशिप में लवली सिंगोर, नंदिनी सिंधी, रीतिका सिंह और डॉली भुल्लर ने कुल आठ स्वर्ण पदक जीतकर न केवल राज्य का गौरव बढ़ाया बल्कि ट्रांसेज़ेंडर समुदाय के लिए प्रेरणा की मिसाल भी कायम की।
दो-दो स्वर्ण पदक से रचा इतिहास
चारों खिलाड़ियों ने इस प्रतियोगिता में दो-दो स्वर्ण पदक जीतकर कुल आठ स्वर्ण पदक अपने नाम किए। यह उपलब्धि राजस्थान के खेल इतिहास में खास महत्व रखती है, क्योंकि यह पहला मौका है जब ट्रांसेज़ेंडर समुदाय से जुड़ी खिलाड़ियों ने इतनी बड़ी संख्या में पदक जीतकर अपनी पहचान बनाई है।
राष्ट्रीय स्तर पर करेंगे प्रतिनिधित्व
अब यह चारों खिलाड़ी अगस्त में होने वाली राष्ट्रीय स्तर की स्टेट स्टॉक चैंपियनशिप में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करेंगी। इस उपलब्धि ने न केवल उनके व्यक्तिगत करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, बल्कि राज्य के खेल जगत में विविधता और समावेशिता की एक नई लहर भी शुरू की है।
लवली सिंगोर का संदेश
लवली सिंगोर ने कहा, “आज ट्रांसेज़ेंडर समुदाय के सामने कई नए रास्ते खुल चुके हैं। मेहनत और लगन से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। मैं सरकार से गुजारिश करूंगी कि प्रतिभाशाली ट्रांसेज़ेंडर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण और खेल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं ताकि वे विभिन्न खेलों में अपनी प्रतिभा दिखा सकें।”
ट्रांसेज़ेंडर समुदाय के लिए नया संदेश
इस जीत ने ट्रांसेज़ेंडर समुदाय के युवाओं के बीच एक नया विश्वास जगाया है। लंबे समय से खेलों में प्रतिनिधित्व की कमी महसूस की जाती थी, लेकिन इस सफलता ने यह साबित कर दिया कि अगर अवसर और सहयोग मिले तो ट्रांसेज़ेंडर खिलाड़ी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जा सकते हैं।
स्टेट स्टॉक चैंपियनशिप का महत्व
विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित यह प्रतियोगिता राजस्थान के खेल कैलेंडर में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इसमें विभिन्न जिलों के खिलाड़ी अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हैं और राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित होते हैं। इस साल ट्रांसेज़ेंडर खिलाड़ियों की ऐतिहासिक जीत ने इस इवेंट को और भी खास बना दिया।
समाज में सकारात्मक बदलाव की ओर
इन खिलाड़ियों की जीत सिर्फ खेल के मैदान तक सीमित नहीं है। यह समाज में समावेशिता, समान अवसर और भेदभाव रहित सोच को बढ़ावा देती है। यह सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का काम करेगी।