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    जबलपुर की ग्रे आयरन फाउंड्री पर CBI का छापा, डीजीएम हिरासत में

    जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित ग्रे आयरन फॉउंड्री पर सीबीआई ने छापेमारी की कार्रवाई की। इस कार्रवाई में CBI की टीम को कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं और कई डिजिटल साक्ष्य भी बरामद किए गए हैं। CBI ने डिप्टी जनरल मैनेजर दीपक लांबा को हिरासत में लिया है। लांबा पर नागपुर की अंबाझरी फैक्ट्री में रहते हुए भ्रष्टाचार करने का आरोप है। फैक्ट्री में गड़बड़ी को लेकर पूछताछ की जा रही है, ग्रे आयरन फॉउंड्री, ऑर्डनेंस फैक्ट्री की एक यूनिट है।

    डीजीएम को दिल्ली ले गई CBI

    बुधवार यानी 3 सितंबर को ग्रे आयरन फॉउंड्री पर सीबीआई ने छापा मारा। इस कार्रवाई में सीबीआई ने डीजीएम को हिरासत में लिया और दिल्ली ले गई, डीजीएम पर आरोप है कि नागपुर की ऑर्डनेंस फैक्ट्री में पोस्टिंग के दौरान उसने घोटाला किया है। सीबीआई ने कई गोपनीय दस्तावेज बरामद किए हैं। बताया जा रहा है कि जहां-जहां लांबा की पोस्टिंग रही, वहां-वहां उसने पद का गलत इस्तेमाल किया।

    25 अगस्त को दर्ज की गई थी FIR

    नागपुर की यंत्र इंडिया लिमिटेड (YIL) के डिप्टी चीफ सतर्कता अधिकारी डीकेटी गुप्ता ने CBI से शिकायत की थी। इसमें दीपक लांबा के अंबाझरी स्थित ऑर्डनेंस फैक्ट्री में रहते हुए पद का गलत इस्तेमाल करने और वित्तीय गड़बड़ी का आरोप है। इस मामले में दीपक लांबा समेत इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रियल सर्विसेज और संचालक मोहित ठोलिया पर 25 अगस्त को एफआईआर दर्ज कराई गई।

    क्या है पूरा मामला?

    नागपुर की अंबाझरी फैक्ट्री में डीजीएम रहते हुए दीपक लांबा ने एक प्रोपराइटरशिप फर्म बनाई थी। इस फर्म का नाम ऑटोमेशन इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रियल सर्विसेज रखा गया, इसका संचालक मोहित ठोलिया है। बताया जा रहा है कि मोहित ठोलिया, दीपक का चचेरा भाई है। निजी फर्म के बैंक खातों की जांच हुई तो पता चला कि लांबा और उसके परिवार के बैंक खातों में लेनदेन हुआ है। इसमें उसकी पत्नी, भाई, बहन और मां भी शामिल हैं, इन सभी में संदिग्ध लेनदेन और वित्तीय गड़बड़ी सामने आई है।

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