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    डाइट के आ​िफसियल ग्रुप पर आया लिंक, शिक्षक ने खोलकर देखा तो बैंक खाते से 21 हजार रुपए हुए पार 

    अलवर. अपराधियों ने साइबर ठगी का नया तरीका ढूंढ निकाला है। अब साइबर ठगी के लिए अपराधी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक्टिव सरकारी विभागों के ग्रुपों का सहारा ले रहे हैं। ऐसे ग्रुपों पर लिंक भेजकर साइबर ठगी को अंजाम देते हैं। साइबर ठग ऐसे एक्टिव ग्रुपों पर लिंक भेजते हैं और इसमें जुड़े कई सदस्य या कर्मचारी इन लिंकों को बिना देखे ही आगे फॉरवर्ड कर देते हैं। पहचान के सदस्य या कर्मचारी की ओर से लिंक भेजने के कारण कई बार लोग इन लिंकों पर सूचना आदि देखने के लिए क्लिक कर देते हैं और जैसे ही इन लिंकों पर कोई क्लिक करता है, उसी दौरान उनके बैंक खातों में जमा राशि निकलने का मैसेज मोबाइल पर दिखाई पड़ जाता है। अलवर में भी गत एक अगस्त को एक शिक्षक कुछ इसी तरह साइबर ठगी के शिकार हुए और परीक्षा के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप पर पहचान के साथी की ओर से भेजे गए लिंक को क्लिक करते ही उनके बैंक खाते से 21 हजार रुपए निकलने का मैसेज आ गया।

    पांचवीं बोर्ड परीक्षा के लिए बनाया व्हाट्सएप ग्रुप 

    सूर्य नगर निवासी शिक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया कि डाइट अलवर की ओर से पांचवीं बोर्ड परीक्षा के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था। इस ग्रुप में जिला शिक्षा अधिकारी, जिले के सभी स्कूलों के प्रिंसिपल एवं शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी भी शामिल हैं। इसी ग्रुप में कठूमर स्कूल के प्रिंसिपल विराज चौहान ने सूचना लिंक शेयर किया, जिस पर शिक्षक जितेंद्र कुमार के क्लिक करते ही उनके बैंक खाते से सात— सात हजार के तीन टांजेक्शन हुए और उनके बैंक खाते कुल 21 हजार रुपए की राशि निकलने का मैसेज आया। इसके बाद उन्होंने बैंक अधिकारियों से मिलकर अपने बैंक खाते को सस्पेंड कराया। इसके बाद भी उनके मोबाइल पर तीन बार 28 हजार, 29 हजार एवं 22 हजार के ओटीपी आए, लेकिन बैंक अकाउंट सस्पेंड कराने के कारण साइबर ठग रकम नहीं निकाल सके। बाद में शिक्षक जितेन्द्र कुमार ने मामले की जानकारी साइबर थाने एवं वैशाली नगर थाने को दी। साथ ही डाइट के अधिकारियों को दी। डाइट की ओर से अब इस ग्रुप को बंद कर दिया गया है और लिंक भेजने वाले प्रिंसिपल के खिलाफ जांच कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने मामला दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी है।

    ठगी का शिकार शिक्षक पांचवीं बोर्ड परीक्षा का है प्रभारी

    साइबर ठगी के शिकार शिक्षक महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी स्कूल रामगढ़ में कार्यरत हैं और पांचवीं बोर्ड परीक्षा का प्रभारी है। यह व्हाट्सएप ग्रुप आ​िफसियल था, जिसे पांचवीं बोर्ड परीक्षा सम्बन्धी सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए बनाया गया था।

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