कमल कौर भाभी हत्याकांड में नया मोड़ , आरोपी अमृतपाल के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू

कमल कौर भाभी हत्याकांड
कमल कौर भाभी हत्याकांड

कमल कौर भाभी हत्याकांड के मास्टरमाइंड अमृतपाल मेहरों को लाने के लिए इंटरपोल की मदद से कार्रवाई शुरू

इंटरनेट मीडिया विवादित व अश्लील वीडियो अपलोड करने वाली लुधियाना के लक्ष्मण नगर निवासी कंचन कुमारी उर्फ कमल कौर भाभी की हत्या के मुख्यरोपित अमृतपाल सिंह मेहरों को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारत लाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। बठिंडा पुलिस ने बीते दिनों पंजाब पुलिस के ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (बीओआई) को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपकर मेहरों के प्रत्यर्पण की औपचारिक मांग की है।

कौम दे राखे नामक कट्टरपंथी संगठन का मुखिया अमृतपाल सिंह मेहरों इस सनसनीखेज हत्याकांड का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। पुलिस ने 17 जून को स्थानीय अदालत से उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी हासिल कर लिया था। आरोप है कि मेहरों ने इंटरनेट मीडिया पर हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए वीडियो व ऑडियो क्लिप पोस्ट की थीं, जिनमें धमकियां और आपत्तिजनक टिप्पणियां भी शामिल थीं।

एसएसपी अमनीत कौंडल ने पुष्टि करते हुए कहा कि उनकी तरफ से पंजाब पुलिस के ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन को पत्र भेजा है, उसमें हत्या और आरोपित की भूमिका से जुड़ी तमाम जानकारियां दी गई हैं। यह पत्र इंटरपोल की मदद से उसकी विदेश में गिरफ्तारी के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। हालांकि, उन्होंने पत्र की विस्तृत जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया।

हत्या के बाद हो गया फरार

बता दें कि कंचन कुमाारी उर्फ कमल कौर भाभी की हत्या बीती 9 व 10 जून की मध्यरात्रि को की गई थी। अमृतपाल मेहरों ने अपने साथियों जसप्रीत सिंह और निमरतजीत सिंह के साथ मिलकर कंचन की कार में गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद उसका शव भुच्चो स्थित आदर्श मेडिकल लेज और अस्पताल की कार पार्किंग में कार में छोड़कर फरार हो गए थे।

जोकि 11 जून की शाम को बरामद हुआ था। पुलिस के अनुसार कंचन की इंटरनेट मीडिया पोस्टों को लेकर सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने का हवाला देकर यह हत्या की गई। इसे ‘अनाधिकृत नैतिक पुलिसिंग’ (मोरल पुलिसिंग) करार दिया गया है।

अब तक 5 लोगों को बनाया गया आरोपी

इस मामले में अब तक पांच लोगों को आरोपित बनाया गया है। जसप्रीत सिंह और निमरतजीत सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मेहरों अब भी यूएई में छिपा हुआ है। एक अन्य आरोपित रंजीत सिंह, जोकि तरनतारन का रहने वाला है, फरार है। उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया गया है।

पुलिस के अनुसार, रंजीत ने ही मेहरों को अमृतसर पहुंचाने में मदद की थी। वहीं, उसे अमृतसर छोड़ने में सहायता करने वाले पांचवें आरोपित की पहचान अभी नहीं हो सकी है। एसएसपी कौंडल ने बताया कि रंजीत सिंह की तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है और जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

भारत में मेहरों से जुड़े कम से कम चार इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म सस्पेंड कर दिए गए हैं। इन अकाउंट्स से नफरत भरे संदेश और धमकियां प्रसारित की जा रही थीं। इसके बावजूद पंजाब और हरियाणा के कई धार्मिक नेताओं और इंटरनेट मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने मेहरों के पक्ष में बयान दिए हैं, लेकिन उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

बता दें कि यह मामला पंजाब में बढ़ती धार्मिक कट्टरता और इंटरनेट मीडिया पर नैतिकता थोपने की प्रवृत्ति को उजागर करता है, जिसकी आड़ में हत्या जैसी गंभीर घटनाएं हो रही हैं। पुलिस इस केस को एक मिसाल बनाने के लिए इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने में जुटी है।

यह हत्याकांड न सिर्फ पंजाब में बढ़ती धार्मिक कट्टरता को उजागर करता है, बल्कि इंटरनेट मीडिया पर नैतिकता थोपने की खतरनाक प्रवृत्ति का भी उदाहरण है। पुलिस की सख्त कार्रवाई और इंटरपोल की मदद से आरोपियों को सज़ा दिलाना अब समाज की सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए ज़रूरी बन गया है।

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