More
    Homeधर्म-समाजआषाढ़ अमावस्या: इन जगहों पर जला दें 5 दीपक, देवी लक्ष्मी दौड़ी...

    आषाढ़ अमावस्या: इन जगहों पर जला दें 5 दीपक, देवी लक्ष्मी दौड़ी आएंगी, पितर खुश होकर भर देंगे घर!

    आषाढ़ अमावस्या आने वाली है. यह दिन पितरों को समर्पित माना गया है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है. इससे पितृ भी तृप्त होते हैं. इस दिन तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. वहीं, अगर आप नदी में स्नान या दान-पुण्य न कर पाएं तो कुछ उपाय से भी पितरों को लाभ पहुंचाया जा सकता है. इसमें दीपक के विशेष उपाय शामिल हैं.

    कब है आषाढ़ अमावस्या?
    आषाढ़ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत पंचांग के अनुसार 24 जून की शाम 7 बजकर 2 मिनट से होगी. वहीं इसकी समाप्ति 25 जून की शाम 4 बजकर 4 मिनट पर हो जाएगी. उदयातिथि की मान्यता के अनुसार आषाढ़ अमावस्या तिथि 25 जून को मानी जाएगी. इसी दिन तर्पण, दान-पुण्य और धार्मिक क्रियाकलापों को करना शुभ माना जाएगा.
    जरूर जलाएं यहां दीपक
    आषाढ़ अमावस्या पर माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए घी या सरसों के तेल का दीपक जलाएं. साथ में एक लोटा जल रखें. शाम के समय घर का दरवाजा खुला रखें. इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मां लक्ष्मी का आगमन होता है.

    तो आशीर्वाद देंगे पितृ
    आषाढ़ अमावस्या पर पितृ देव की कृपा पाने के लिए एक दीपक सरसों के तेल का मुख्य द्वार पर लगाना चाहिए. मान्यता है कि अमावस्या की शाम पितर धरती से अपने लोक की ओर लौटते हैं. उन्हें मार्ग में प्रकाश मिले तो वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.

    तस्वीर पर जरूर जलाएं दीपक
    ऐसे तो कई लोग रोजाना देवी-देवताओं के साथ पितरों की तस्वीर के आगे दीपक लगाते हैं, लेकिन आषाढ़ माह की अमावस्या पर घर में जहां पितरों की तस्वीर लगाई हो, वहां दीपक जरूर जलाना चाहिए. यह श्रद्धा का प्रतीक है.

    पीपल के नीचे दो दीपक
    आषाढ़ अमावस्या पर पीपल की पूजा विशेष फलदायी होती है. पीपल के नीचे देवताओं के लिए तिल तेल और पितरों के लिए सरसों के तेल का दीप जलाएं. इससे खूब लाभ होगा.

    latest articles

    explore more

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here