कोरबा, सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम कोल् इंडिया के अधीन संचालित एसईसीएल बिलासपुर की कोरबा-पश्चिम क्षेत्र स्थित खुले मुहाने की कुसमुंडा कोयला परियोजना के संचालन एवं विस्तार का कार्य जो बुरी तरह से प्रभावित था, उसका सुविधा पूर्वक विस्तार किया जा रहा था, और इस हेतु रेलवे द्वारा वहा बनाये जा रहे ओवरब्रिज का काम मात्र इसलिए अटका हुआ था, क्योंकि वहा बड़े पैमाने पर कथित बेजा कब्जा कर इस कार्य को विगत दो वर्षो से अटकाए रखा था। किंतु कल से वहा पर ऐसा लग रहा हैं, की रेलवे, जिला प्रशासन, एसईसीएल प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने संयुक्त रूप से निर्णय ले लिया हैं की इस निर्माण कार्य के लिये किसी भी प्रकार का अवरोध, व्यवधान, बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसलिए वहा चिन्हित किये अवरोध उत्पन्न करने वाले 11 कब्जेधारियों के कब्जे हटाने की मुहीम कल से तेज कर दी गयी थी। किंतु वहा के कुछ प्रबुद्ध एवं सभ्रांत जनो के विनम्र हस्ताक्षेप और अँधियारा फैलने की वजह से दूसरे दिन सुबह तक के लिये कड़ाई रोक दी गयी थी। किंतु आज प्रातः प्रशासनिक स्तर पर वहा मकानों के टूटे-फूटे अवशेष और जरूरी सामानो को वांछित स्थलों तक निशुल्क पहुंचाने वाहनों का काफिला मजदूरों सहित एसईसीएल के सौजन्य से तैनात और खड़ा कर दिया गया था। इसका असर यह हुआ की इन कब्जाधारियों ने स्वयं इन सेवाओं को अंगीकृत करते हुए नजाकत का लाभ उठाना प्रारंभ कर दिया और वे स्वयं इस कार्य हेतु क्रियाशील देखे गए। हो-हल्ला, हुज्जतबाजी, विरोध की सामूहिक आंधी स्वतः मंद होती चली गयी। अब ऐसा प्रतीत हो रहा हैं की बहुत जल्द इस निर्माण कार्य के विरोध को समाप्त कर दिया जाएगा।
कुसमुंडा थाना प्रभारी युवराज तिवारी ने बताया कि जिला प्रशासन, पुलिस और एसईसीएल के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। किसी भी विवाद की स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात की गयी हैं।