राज्य में इंडो-पाक सीमा पर तस्करी को रोकने के लिए लगाए जाएंगे एंटी-ड्रोन सिस्टम : मुख्य सचिव

जयपुर. मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि भारत-पाक अन्तरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में घुसपैठ और नशीले पदार्थों की तस्करी की सूचना सभी एजेन्सी साझा कर और आपसी समन्वय स्थापित कर कार्यवाही करें। उन्होंने सीमावर्ती जिलों में ड्रोन के माध्यम से तस्करी को रोकने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम, डेटा विश्लेषण के लिए एआई उपकरण और सीसीटीवी कैमरें लगाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव बुधवार को शासन सचिवालय में इंडो-पाक सीमा की सुरक्षा के लिए गठित स्टेट लेवल स्टेंडिग कमेटी (SLSC) की मीटिंग को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमियों की बिक्री के मामले में जागरूकता रखी जाए। इसके लिए राजस्व अधिकारियों को सेंसीटाईज़ किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बीएसएफ, पुलिस एवं अन्य एजेन्सियों के बीच समन्वय मीटिंग आयोजित की जाए। पंत ने मीटिंग में मौजूद जिला अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सीमा सड़कों और भारतमाला-2 परियोजना सड़क पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना की जाए। उन्होंने मादक द्रव्यों की तस्करी, सिंथेटिक दवाओं का निर्माण, अवैध खनन, सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों में चोरी, औद्योगिकीकरण और रिफाइनरी के कारण आपराधिक गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

दस्तावेज जारी करने वाली नेटवर्कों की हो पहचान 

पुलिस महानिदेशक इंटेलीजेंस संजय अग्रवाल ने अन्तरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में घुसपैठ रोकने के लिए सुझाव देते हुए कहा कि अवैध प्रवासियों को भारतीय पहचान दस्तावेज जारी करने वाली नेटवर्कों की पहचान और उन्हें बाधित करने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने सीमा बाड़ परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने तथा सीमावर्ती गांवों में पुलिस थानों को स्थानीय समुदायों से जोड़ने के प्रयास करने के लिए भी कहा। अग्रवाल ने कहा कि साइबर स्पेस में हानिकारक सामग्री की पहचान और उसे रोकने के लिए उपकरण विकसित किए जाए। साथ ही अंतरराष्ट्रीय सीमा पर काम कर रही सभी एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास के लिए आर्थिक गतिविधियों और निवेश में वृद्धि, औद्योगिकीकरण, बेहतर सड़क बुनियादी ढांचा, सामाजिक-आर्थिक विकास और प्रौद्योगिकी में उन्नति के लिए गंभीरता से प्रयास किए जाने चाहिए।

मीटिंग में पुलिस महानिदेशक उत्कल रंजन साहू, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन विभाग अपर्णा अरोरा, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के शासन सचिव समित शर्मा, शासन सचिव, गृह विभाग रश्मि गुप्ता, संयुक्त शासन सचिव गृह विभाग अपर्णा गुप्ता के अतिरिक्त बीएसएफ के अधिकारी, एनसीबी जोनल डायरेक्टर तथा एनएचएआई के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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