पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के सभी चार द्वार श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोले गए

नई दिल्ली. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्यों की मौजूदगी में बृहस्पतिवार की सुबह पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के सभी चार द्वार श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिए गए। कोविड-19 महामारी के बाद से बंद किए गए 12वीं सदी के मंदिर के तीन द्वार भगवान जगन्नाथ की ‘मंगल आलती’ अनुष्ठान के बाद फिर से खोल दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री, मंत्री, कई भाजपा सांसद और पार्टी नेता मंदिर पहुंचे और भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना की। उन्होंने मंदिर परिसर की परिक्रमा भी की। माझी ने पुरी में संवाददाताओं से कहा, ”शपथ ग्रहण समारोह के बाद, भाजपा सरकार ने बुधवार की शाम को मंदिर के सभी चार द्वारों को फिर से खोलने का अपना पहला निर्णय लिया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रखेगी और जरूरत पड़ने पर मंदिर में श्रद्धालुओं के आवागमन को सुचारू बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। आज, ‘मंगल आलती’ अनुष्ठान के बाद सुबह छह बज कर तीस मिनट पर द्वार फिर से खोल दिए गए है। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार ने मंदिर के बेहतर प्रबंधन, रखरखाव और विकास के लिए 500 करोड़ रुपए का कोष स्थापित करने का भी फैसला किया है। कैबिनेट मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि यह जानने के रिपोर्ट मांगी गई है कि महामारी के बाद मंदिर के तीन द्वार फिर से क्यों नहीं खोले गए थे।

उन्होंने कहा, ”हमने भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए और उनसे मानव जाति की रक्षा करने और अगले पांच वर्षों तक ओडिशा के लोगों की सेवा करने की शक्ति देने का आशीर्वाद मांगा। मंदिर के सभी द्वार खोलना भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में एक प्रमुख वादा था। पिछली बीजू जनता दल (बीजद) सरकार ने कोविड-19 महामारी के बाद से मंदिर के चार में से तीन द्वार बंद रखे थे। श्रद्धालुओं को केवल सिंहद्वार से प्रवेश की अनुमति दी गई, जबकि मंदिर के अन्य तीन तरफ स्थित द्वार बंद रहे, जिससे श्रद्धालुओं को असुविधा हुई।

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