सांवलिया सेठ मंदिर के दान पात्र से निकला 17 करोड़ रुपए से ज्यादा का कैश, सोना-चांदी भी मिला

भक्त दिल खोलकर भेंट करते हैं करोड़ों रुपये, व्यापारी पार्टनर मानते हैं

सुरेश शर्मा.अलवर/ चित्तौड़गढ सॆ उदयपुर् की ओर राष्ट्रीय राजमार्ग 76 पर 28 कि. मी. दूरी पर स्थित प्रसिद्ध श्री सांवलिया जी प्राकट्य स्थल मंदिर प्रतिवर्ष अपनी सुन्दरता एवम वैशिष्ट्य के कारण हजारों यात्रियों को बरबस आकर्षित करता है| कृष्ण धाम सांवलिया सेठ मंदिर की मान्यता पूरे देश में है। सांवलिया सेठ के भक्त यहां खुले मन से नकदी, सोना और चांदी चढ़ाते हैं। यह राजस्थान में देवस्थान विभाग के अधीन आने वाले मंदिरों में सबसे धनी है। हाल ही में सांवलिया सेठ मंदिर का दानपात्र खुला तो उसमें बीते एक माह के चढ़ावे के रूप में 17 करोड़ रुपये से ज्यादा का कैश और सोना-चांदी निकले हैं।

तीसरे नंबर का मंदिर जहां सबसे अधिक चढ़ावा आता है

राजस्थान के सबसे धनी मंदिरों में मेहंदीपुर बालाजी और श्रीनाथ जी मंदिर को माना जाता है। तीसरे नंबर पर सांवलिया सेठ का मंदिर में सबसे ज्यादा चढ़ावा आता है। यह प्रदेश सबसे ज्यादा चढ़ावे आने वाले प्रमुख तीन मंदिरों में शामिल है। जबकि देवस्थान विभाग के मंदिरों की सूची में नंबर वन पर है।

450 साल पुराना है यह मंदिर

लगभग 450 साल पुराने इस मंदिर को लेकर कई किवदंतियां हैं और मान्यताए हैं। मेवाड़ राजपरिवार की ओर से इस मंदिर का निर्माण करवाया है। मान्यता है कि सांवलिया सेठ का संबंध मीरा बाई से है। किवदंतियों के अनुसार सांवलिया सेठ मीराबाई के वही गिरधर गोपाल है, जिनकी वे पूजा किया करती थीं। यह मंदिर कृष्ण धाम के रूप में प्रसिद्ध है। साल 1961 से इस प्रसिद्ध स्थान पर देवझूलनी एकादशी पर विशाल मेले का आयोजन हो रहा है। इसमें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।

बिजनेस में पाटर्नर बनाते हैं व्यापारी

सांवलिया सेठ मंदिर के भक्त वेतन से लेकर व्यापार तक में उन्हें अपना पार्टनर मानने लगे। श्रद्धालुओं की आस्था है कि भक्त सांवलिया सेठ के खजाने में जितना देते हैं, वे उससे कई गुना ज्यादा भक्तों को वापस लौटा देते हैं। इसी आस्था के कारण व्यापार जगत में उनकी ख्याति इतनी है कि लोग अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए सांवलिया सेठ को अपना बिजनेस पार्टनर बनाते और मानते हैंं।

चित्तौड़गढ़ एडीएम मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी

चित्तौड़गढ़ के अतरिक्त जिला कलेक्टर के पास सांवलिया सेठ के मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पदभार रहता है। मंदिर के वर्तमान मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश कुमार के अनुसार सांवलिया सेठ मंदिर देवस्थान विभाग के अधीन है। विभाग के मंदिरों में आय में यह नंबर वन है. वैसे यह राजस्थान में तीसरे नंबर पर आता है।

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