नई दिल्ली। मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति के चुनाव में 15 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग कर दी। इसको लेकर विपक्ष काफी परेशान बताया जा रहा है। क्रॉस वोटिंग करने वाले सांसदों की पहचान करने की कोशिश हो रही है। आम आदमी पार्टी और महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) तथा एनसीपी (शरद पवार) खेमों पर सबसे ज्यादा उंगलियां उठ रही हैं। राजस्थान से एक सांसद और तमिलनाडु से आए वोटों पर भी चर्चा है। उपराष्ट्रपति चुनाव में पार्टी व्हिप लागू नहीं होता, इसलिए नेताओं के लिए क्रॉस-वोटिंग आसान हो गई।
कुल मिलाकर उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत तो तय मानी जा रही थी, लेकिन विपक्षी इंडिया गठबंधन को असली झटका अपने ही वोट बैंक में सेंध से लगा है। उनके उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को केवल 300 वोट मिले, जबकि विपक्षी खेमे की गणना कम से कम 315 वोटों की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्षी नेताओं को उम्मीद थी कि रेड्डी को 315 से लेकर 324 तक वोट मिलेंगे। लेकिन नतीजों ने दिखाया कि कम से कम 15 वोट विपक्षी पाले से एनडीए की ओर चले गए। कुछ वोट जानबूझकर अवैध घोषित किए गए बताए जा रहे हैं। नतीजे आने के बाद विपक्षी खेमे में गद्दारों की तलाश शुरू हो गई है। वोटिंग के तुरंत बाद कांग्रेस के जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा था कि विपक्ष ने 100 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की और 315 सांसदों ने वोट डाला। लेकिन नतीजे आने के दो घंटे के भीतर ही यह एकजुटता ढहती नजर आई। विपक्षी खेमे को उम्मीद थी कि यह चुनाव बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एकता का प्रदर्शन करेगा, लेकिन उलटे ट्रोजन हॉर्स ने घर में ही सेंध लगा दी। इस चुनाव में मतदाताओं की कुल संख्या 781 थी जिसमें से 767 मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया। मतगणना में 752 वोट वैध और 15 अवैध पाए गए। इस तरह जीत के लिए कम से कम 377 वोट की आवश्यकता थी। विपक्ष के उम्मीदवार वी सुदर्शन रेड्डी को प्रथम वरीयता के केवल 300 वोट प्राप्त हुए।



