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    Homeअलवर में श्री संत भारतीय सामाजिक सेवा संस्थान द्वारा भव्य कावड़ यात्रा

    अलवर में श्री संत भारतीय सामाजिक सेवा संस्थान द्वारा भव्य कावड़ यात्रा

     कांवड यात्रा के साथ ही  11 रूद्र पार्थिव रुद्राभिषेक महोत्सव का आयोजन

    अलवर,। सावन मास के पावन अवसर पर श्री संत भारतीय सामाजिक सेवा संस्थान, अलवर द्वारा रविवार को भव्य कावड़ यात्रा एवं 11 रूद्र पार्थिव रुद्राभिषेक महोत्सव का आयोजन श्रद्धा और आस्था के साथ किया जा रहा है। यह धार्मिक अनुष्ठान नगरवासियों के लिए अध्यात्म, संस्कृति और सेवा का अद्भुत संगम प्रस्तुत करेगा।
    आयोजन की शुरुआत प्रातः 7:15 बजे श्री गुरु हरिकिशन पब्लिक स्कूल, अलवर से होगी, जहां से शिव भक्तों की कावड़ यात्रा बैंड-बाजे, DJ एवं आकर्षक झांकियों के साथ पुरजन विहार (कंपनी बाग) की ओर प्रस्थान करेगी। भारत माता की झांकी और पुलिस बैंड विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे।
     11 पार्थिव रूद्रों पर वैदिक रुद्राभिषेक
    इस अवसर पर हरिद्वार से विशेष रूप से टैंकर द्वारा लाया गया मां गंगा का पावन जल, भगवान भोलेनाथ के 11 पार्थिव रूद्र स्वरूपों पर अर्पित किया जाएगा। इन पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण मां गंगा, सर्प की बंबी, बड़, पीपल, बेलपत्र, शमी, नीम तथा अन्य शुभ मिट्टियों और पारद के समिश्रण से किया जाएगा। रुद्राभिषेक का कार्य 11 वैदिक वेदपाठी आचार्यों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न किया जाएगा।
    इस आयोजन का उद्देश्य उन श्रद्धालुओं को भी इस दिव्य परंपरा से जोड़ना है, जो किसी कारणवश स्वयं हरिद्वार जाकर कावड़ नहीं ला सकते। संस्थान द्वारा ऐसे भक्तों को कावड़ प्रदान कर उन्हें इस पुण्य अनुष्ठान का भागीदार बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
     प्रसादी वितरण का भव्य आयोजन
    कावड़ यात्रा और रुद्राभिषेक के पश्चात, सभी श्रद्धालुओं के लिए प्रसादी वितरण की व्यवस्था गिरधर आश्रम, कम्पनी बाग के सामने की गई है, जिसका संयोजन अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन, अलवर के जिला अध्यक्ष श्री मनोज चाचान द्वारा किया जाएगा।
     विशेष निर्देश शिव भक्तों के लिए:
    • पुरुष: कुर्ता-पायजामा धारण करें
    • महिलाएं: लाल चुनरी की साड़ी और पूर्ण सोलह श्रृंगार में रहें
    • लैदर से बनी वस्तुएं (जैसे पर्स, बेल्ट, जूते) साथ न रखें
    • कपड़े का पर्स या प्लास्टिक/रबर की चप्पल अनुमति योग्य
    • नंगे पैर चलने वाले शिव भक्तों का स्वागत है
     विशेष आस्था संदेश:
    आयोजकों ने सभी भक्तों से अनुरोध किया है कि भगवान शिव के 11 रूद्रों पर चढ़ाया गया जल अपने घर, प्रतिष्ठान अथवा कार्यालय में छिड़कें। शास्त्रों में वर्णित है कि ऐसा करने से समस्त संकट दूर होते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

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