वन राज्य मंत्री संजय शर्मा ने नेत्रदान पखवाड़े का शुभारंभ, कहा – “नेत्रदान से जीवन में आ सकती है रोशनी”
मिशनसच न्यूज, अलवर।
नेत्रदान एक ऐसा पुण्य कार्य है जिससे किसी अंधेरे में जी रहे व्यक्ति के जीवन में उजियारा लाया जा सकता है। इसी संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से राजस्थान के वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा ने रविवार को राजीव गांधी राजकीय सामान्य चिकित्सालय, अलवर में 25 अगस्त से 8 सितंबर तक चलने वाले नेत्रदान पखवाड़े का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर उन्होंने जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया तथा भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
समाज में नेत्रदान की आवश्यकता
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन राज्यमंत्री संजय शर्मा ने कहा कि – “हमारे द्वारा किए गए नेत्रदान से रोशनी से महरूम व्यक्ति के जीवन में उजियारा लाया जा सकता है। नेत्रदान का सबसे बड़ा उद्देश्य यही है कि हम समाज में दृष्टिहीनता को कम कर, जरूरतमंदों की मदद कर सकें।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि आज भी भारत में लाखों लोग ऐसे हैं जो अंधेपन का शिकार हैं और यदि समाज आगे आकर नेत्रदान की भावना को अपनाए तो यह संख्या बहुत कम हो सकती है।
नेत्रदान पखवाड़े का महत्व
नेत्रदान पखवाड़ा हर साल 25 अगस्त से 8 सितंबर तक मनाया जाता है। इस दौरान अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा जागरूकता रैलियाँ, सेमिनार, स्वास्थ्य शिविर और जनजागरण अभियान आयोजित किए जाते हैं।
इसका मुख्य उद्देश्य है –
नेत्रदान के प्रति भ्रांतियों को दूर करना।
समाज में लोगों को जागरूक करना कि मृत्यु के बाद भी उनकी आँखें किसी और को जीवन की रोशनी दे सकती हैं।
युवाओं और विद्यार्थियों को प्रेरित कर भविष्य की पीढ़ी में नेत्रदान की परंपरा को मजबूत करना।
पौधारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश
कार्यक्रम के उपरांत श्री शर्मा ने चिकित्सालय परिसर में पौधारोपण भी किया। उन्होंने कहा कि – “जैसे नेत्रदान किसी जीवन को नई रोशनी देता है, वैसे ही पौधारोपण आने वाली पीढ़ियों को जीवन और स्वच्छ पर्यावरण प्रदान करता है।”
इस दौरान उन्होंने नियमित रूप से पौधारोपण करने के अपने संकल्प को दोहराया और सभी से अपील की कि प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में कम से कम एक पौधा जरूर लगाएँ और उसकी देखभाल भी करें।
कार्यक्रम में प्रमुख लोग रहे उपस्थित
शुभारंभ समारोह में पीएमओ डॉ. सुनील चौहान, डॉ. सुरेश गेरा, डॉ. मधु स्वरूप सक्सेना, डॉ. दीपा जैन, डॉ. विजय पाल यादव, श्री पुष्पेंद्र शर्मा, श्री राजपाल यादव सहित चिकित्सालय के अधिकारी एवं कार्मिक मौजूद रहे।
सभी ने मिलकर इस मुहिम को सफल बनाने का संकल्प लिया।
नेत्रदान – एक जीवनदायी संकल्प
डॉक्टरों के अनुसार, नेत्रदान से प्राप्त कॉर्निया को नेत्रहीन व्यक्ति में प्रत्यारोपित कर उसकी दृष्टि लौटाई जा सकती है। आँकड़े बताते हैं कि भारत में हर साल लगभग 20 लाख लोग कॉर्निया ब्लाइंडनेस से पीड़ित होते हैं, जिनमें से बड़ी संख्या बच्चों और युवाओं की होती है।
नेत्रदान ही वह माध्यम है जिससे इन लोगों को पुनः जीवन में रोशनी मिल सकती है।
वन राज्य मंत्री संजय शर्मा का यह संदेश समाज के लिए प्रेरणादायी है कि –
“नेत्रदान से बढ़कर कोई सेवा नहीं हो सकती। यह दान किसी को जीने की नई उम्मीद देता है।”
ऐसे आयोजनों से न केवल समाज में जागरूकता बढ़ती है, बल्कि अंधत्व मुक्त भारत की दिशा में ठोस कदम भी उठाए जाते हैं।