दामाद के बाद संजय झा की बेटियों को लेकर नीतीश पर हमलावार तेजस्वी

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के बड़े नेताओं के रिश्तेदारों को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बहनोई मृणाल पासवान और जीतनराम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी, बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड में अशोक चौधरी के दामाद सायन कुणाल के मनोनयन के बाद विपक्ष नीतिश सरकार पर हमलावार है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि नीतीश की सरकार को जमाई आयोग का गठन हुआ। अब राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा की बेटियों को सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकील बनाने पर सवाल उठा दिया है।
आरजेडी के सोशल मीडिया खाते से केंद्र सरकार के आदेश की कॉपी पोस्ट करके दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों की हकमारी पर सवाल उठाया गया है। कानून मंत्रालय के 9 अक्टूबर 2024 के आदेश के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की ओर से केस लड़ने के लिए संजय झा की बेटियों अद्या झा और सत्या झा की सेवा तीन साल के लिए ली गई है। कानून की पढ़ाई कर चुकी दोनों बेटियों की सेवा वकीलों के ग्रुप ए पैनल में ली गई है। बात दें कि केंद्र और राज्य सरकारें जिला से सुप्रीम कोर्ट तक वकीलों की सेवा लेती है, इसके लिए पैनल में नाम होना चाहिए। जिल स्तर पर पीपी व एपीपी की सेवा भी इसी तरह ली जाती है।
राजद ने आरोप लगाया है कि जेडीयू नेता संजय झा की दोनों बेटियों को कोई विशेष अनुभव नहीं है। राजद ने पूछा है कि जदयू के कितने दलित, पिछड़े और अति पिछड़े नेताओं, सांसदों, मंत्रियों या कार्यकर्ताओं के बेटे-बेटियों को यह विशेषाधिकार प्राप्त है कि बिना अनुभव यह उपलब्धि प्राप्त कर लें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here