रक्षा मंत्री राजनाथ चीन में एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति पर जोर देंगे 

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार 25 जून को चीन के किंगदाओ शहर में शुरू हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दो दिवसीय सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस सम्मेलन में वे आतंकवाद और उग्रवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देंगे। 
सम्मेलन का आयोजन चीन के पूर्वी शांदोंग प्रांत के प्रमुख बंदरगाह शहर किंगदाओ में किया जा रहा है, जहां क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी उपायों और रक्षा साझेदारी को लेकर गहन विचार-विमर्श किए जाने की संभावना है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बहुपक्षीय मंच का उपयोग कर आतंकवाद के खिलाफ एक सशक्त और समन्वित वैश्विक नीति की आवश्यकता पर भारत की स्पष्ट भूमिका रख सकते हैं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है, कि सिंह सम्मेलन में यह भी स्पष्ट करेंगे कि आतंकवाद किसी भी देश के विकास और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा है, और इससे निपटने के लिए सभी देशों को पारदर्शिता और राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ कार्य करना होगा।
इस सम्मेलन में पाकिस्तान, चीन, रूस, और मध्य एशियाई देशों सहित एससीओ के सभी सदस्य देशों के रक्षा मंत्री शामिल होंगे। भारत, जो 2017 में एससीओ का पूर्ण सदस्य बना, लगातार इस मंच पर आतंकवाद और सीमा-पार से हो रही घुसपैठ जैसे विषयों को मजबूती से उठाता आया है।
विशेषज्ञों के अनुसार किंगदाओ में होने वाली यह बैठक न सिर्फ रक्षा संबंधों को लेकर चर्चा का अवसर होगी, बल्कि भारत को चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के साथ रणनीतिक और कूटनीतिक संदेश देने का भी एक अवसर है। इस सम्मेलन के दौरान अन्य सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें होने की संभावना है, जिनमें रक्षा सहयोग, प्रशिक्षण, तकनीकी आदान-प्रदान और आतंकवाद विरोधी अभ्यास जैसे विषयों पर चर्चा हो सकती है। 

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