शराब की मनमानी कीमतों पर हाईकोर्ट का हस्तक्षेप, सरकार को नोटिस

MP News: मध्य प्रदेश के ऊंची दर पर शराब बेचने का मामला अब हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) पहुंच गया है। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि ठेकेदारों ने सिंडीकेट बनाकर अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से अधिक दर पर ओवरप्राइसिंग (Overpricing of liquor) कर करोड़ों रुपए की अवैध कमाई की। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने याचिका में सरकार से अब तक की कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।

जनहित याचिका में लगाए गए आरोप

जनहित याचिकाकर्ता अधिवक्ता दीपांशु साहू ने आरोप लगाया, राज्य में कुछ शराब विक्रेता एमआरपी से अधिक कीमत वसूलने की अवैध प्रथा चला रहे हैं। इस बारे में आबकारी विभाग और अन्य का ध्यान आकृष्ट कराने के बाद भी ओवरप्राइसिंग रुक नहीं रही। शराब ठेकेदार मनमानी पर उतारू हैं। दलील दी गई कि कई शराब विक्रेता खुलेआम शराब ऊंचे दाम पर बेच कर उपभोक्ताओं का शोषण कर रहे हैं।

याचिकाकर्ता ने जबलपुर जिला आबकारी अधिकारी और आबकारी आयुक्त को कई शिकायत प्रस्तुत की। याचिकाकर्ता ने न्यायालय के समक्ष प्रार्थना की कि, प्रतिवादियों को निर्धारित एमआरपी से ज्यादा मूल्य पर शराब बेचने वाली शराब की दुकानों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने तथा मूल्य निर्धारण नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाए।

सरकार से ढाई माह का ब्योरा मांगा

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर इस संबंध में कार्रवाई का हलफनामा दाखिल करने को कहा। कोर्ट ने कहा, एक अप्रैल से 15 जून 2025 एमआरपी से अधिक बिक्री की शिकायत और छापेमारी का ब्योरा पेश करें। साथ ही पूछा है कि यदि कोई उल्लंघन मिला तो क्या कार्रवाई की। यह भी बताना होगा कि याचिकाकर्ता के मामले में अंतिम कार्रवाई क्या की।

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