व्यापार: खंडित वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत एक उज्ज्वल स्थान है, लेकिन इसे व्यापार संबंधों को और गहरा करना होगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की एमडी क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा, भारत वैश्विक विकास के सबसे मजबूत स्तंभों में से एक बना हुआ है, भले ही बढ़ते टैरिफ, असमान विस्तार व कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के तेजी से विकास के बीच विश्व अर्थव्यवस्था अधिक अप्रत्याशित होती जा रही है।
आईएमएफ की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जॉर्जीवा ने कहा, भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है। उनके मुताबिक, देश को घनिष्ठ व्यापार एकीकरण से लाभ हो सकता है। भारत स्वयं भागीदारों के साथ उच्च स्तर के व्यापार एकीकरण का लक्ष्य रख सकता है। भारत ने अब भी व्यापार में कुछ बाधाएं बरकरार रखी हैं।
आईएमएफ की एमडी ने हाल में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के टैरिफ उपायों को अपनाने के कारण बदलते वैश्विक व्यापार पैटर्न की ओर इशारा किया। जॉर्जीवा ने कहा, यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ने भागीदारों के साथ संबंधों में टैरिफ को एक साधन के रूप में इस्तेमाल करना चुना है। बाकी दुनिया ने अभी तक इसका अनुसरण नहीं किया है। आईएमएफ के 191 सदस्यों में से हमने केवल तीन देशों अमेरिका, चीन और कनाडा को टैरिफ पर अधिक सख्ती से आगे बढ़ते देखा है।
तीन फीसदी पर अटकी है वैश्विक अर्थव्यवस्था…
आईएमएफ प्रमुख ने कहा, विश्व अर्थव्यवस्था अभी 3 फीसदी की वृद्धि दर पर अटकी हुई है। एआई उत्पादकता में वृद्धि की अगली लहर ला सकता है। एआई विकास में 0.1 से 0.8 फीसदी के बीच योगदान देगा। एआई से उस वृद्धि को प्राप्त करना दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।