नई दिल्ली: एशिया कप की शुरुआत में अब एक हफ्ते से कम का वक्त बचा है। नौ सितंबर से आठ टीमों के बीच ट्रॉफी की जंग शुरू हो जाएगा। भारत अपने अभियान का आगाज 10 सितंबर से यूएई के खिलाफ मैच से करेगा। आगामी टूर्नामेंट में भारत के नेतृत्व की जिम्मेदारी सूर्यकुमार यादव के कंधों पर है, जिनका जोश हमेशा से हाई रहता है। वह विपक्षी टीमों के लिए किसी काल से कम नहीं हैं। वहीं, भारतीय गेंदबाजी आक्रमण का जिम्मा जसप्रीत बुमराह करेंगे। उनकी टीम में मौजूदगी ही विपक्षी टीमों के लिए किसी खौफनाक साए से कम नहीं है। यह बात हम नहीं…बल्कि आंकड़े कह रहे हैं।
इस मामले में सूर्या के आगे कोई नहीं
भारतीय टी20 टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव इस प्रारूप के बादशाह हैं। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाज से कई बार इसे साबित भी किया है। उन्होंने दमदार पारियों की मदद से संदेश दिया है कि किसी गेंदबाज का उनके आगे टिकना कितना मुश्किल है। आंकड़ों पर नजर डालें तो, 34 वर्षीय बल्लेबाज ने 2021 से अब तक टी20 अंतरराष्ट्रीय में सर्वाधिक छक्के लगाए हैं। उनके नाम 146 छक्के दर्ज हैं। इस मामले में दूसरे स्थान पर निकोलस पूरन हैं, जिन्होंने 130 छक्के ठोके। तीसरे स्थान पर जिम्बाब्वे के सिकंदर रजा और वेस्टइंडीज के रोवमैन पॉवेल संयुक्त रूप से मौजूद हैं। दोनों के नाम 112 छक्के दर्ज हैं। चौथे पायदान पर इंग्लैंड के धमाकेदार बल्लेबाज जोस बटलर हैं, जिन्होंने 96 छक्के लगाए हैं। अब एशिया कप में प्रशंसकों को सूर्यकुमार यादव से दमदार प्रदर्शन की उम्मीद है।
बुमराह क्यों हैं सबसे घातक?
भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी किफायती गेंदबाज से अच्छे अच्छों को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने 2021 से अब तक इस प्रारूप में कुल 30 विकेट झटके हैं और उनका गेंदबाजी औसत 12.8 व इकोनॉमी रेट केवल 5.3 रहा है। बुमराह के बाद अफगानिस्तान के स्टार स्पिनर राशिद खान दूसरे स्थान पर हैं, जिन्होंने 78 विकेट चटकाए और उनका इकोनॉमी रेट 6.0 रहा। तीसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के एश्टन एगर हैं जिन्होंने 26.5 के औसत और 6.1 की इकोनॉमी से 19 विकेट झटके हैं। पाकिस्तान के इमाद वसीम चौथे स्थान पर हैं। उन्होंने कुल 26 विकेट 19.9 के औसत और 6.2 के इकोनॉमी रेट से झटके हैं। पांचवें पायदान पर भारत के स्टार स्पिनर कुलदीप यादव हैं, जिन्होंने कुल 30 विकेट हासिल किए हैं। उनका गेंदबाजी औसत 14.5 का रहा है जबकि इकोनॉमी 6.4 की रही है।