देश को मिली आजादी सभी का सामूहिक प्रयास, किसी एक व्यक्ति की उपलब्धि नहीं : भागवत 

नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम की सामूहिक प्रकृति पर जोर देकर कहा कि देश की आजादी 1857 के विद्रोह से शुरू हुए व्यापक प्रयासों का परिणाम थी, न कि किसी एक व्यक्ति की उपलब्धि थी। भागवत ने कहा कि हमेशा से इस बात पर बहस होती है कि देश को आजादी किसके प्रयासों से मिली। लेकिन वास्तविकता यह है कि यह आजादी किसी एक व्यक्ति के कारण नहीं मिली। इस आजादी के लिए प्रयास 1857 में शुरू हुए और हर जगह आग भड़क उठी, उसके बाद, यह आग कभी शांत नहीं हुई। प्रयास जारी रहे और सभी के सामूहिक प्रयासों से आखिरकार हमें अंग्रेजों से आजादी मिली।
आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि संघ की दिशा सामूहिक विचार से तय होती है, संघ का काम एक या दो लोगों का काम नहीं है, संघ जो भी करता है और जो भी कहता है, वह सामूहिक निर्णय होता है। इसके पहले संघ प्रमुख ने पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी और भारतीय सेना की त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया की सराहना की थी। साथ ही उन्होंने सभी राजनीतिक ताकतों से घटना के बाद उभरी एकता की भावना को बनाए रखने का आग्रह किया था।
उन्होंने कहा, पहलगाम में एक बर्बर हमला हुआ। आतंकवादी हमारे देश में घुसे और हमारे नागरिकों को मार डाला। हर कोई दुखी और क्रोधित था और अपराधियों के लिए कड़ी सजा चाहता था। वास्तव में कार्रवाई की गई…इस संबंध में, हमारी सेना की क्षमता और बहादुरी फिर चमक उठी। उन्होंने कहा कि हम सभी राजनीतिक दलों की आपसी समझ और सहयोग को भी देख रहे हैं, जो सभी मतभेदों को भुला रहे हैं…अगर यह स्थायी हो जाए और मुद्दों के पुराने होने के साथ-साथ फीका न पड़े, तब यह देश के लिए बहुत बड़ी राहत होगी। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here