ईरान ने मान लिया है कि 22 जून को अमेरिकी हमलों से उसके परमाणु ठिकानों को काफी नुकसान पहुंचा है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने बुधवार को इसकी पुष्टि की है।अल जजीरा से बात करते हुए बाघई ने कहा कि अमेरिकी बस्टर बमों के हमले असरदार थे और उससे परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, बाघई ने नुकसान की डिटेल जानकारी नहीं दी। दूसरी तरफ, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नीदरलैंड में नाटो समिट में मीडिया से कहा कि ईरानी परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों के कारण 12 दिनों तक चली ईरान-इजराइल जंग रुकी। उन्होंने कहा, '12 दिनों के दौरान ईरान नर्क से गुजरा, जिसके कारण उसे परमाणु हथियार बनाने की इच्छा छोड़नी पड़ी। अगर ईरान ने फिर से न्यूक्लियर प्रोग्राम शुरू किया तो हम फिर हमला करेंगे।'अमेरिकी मीडिया हाउस CNN और न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया है कि अमेरिकी हमलों से ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम पूरी तरह से तबाह नहीं हुआ है। बस कुछ महीनों के लिए पिछड़ गया है।यह दावा एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। हालांकि, ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर इन मीडिया रिपोर्ट्स को 'फर्जी खबरें' करार दिया।
इजराइल ईरान में 12 दिन के बाद सीजफायर
इजराइल-ईरान के बीच जंग के 12वें दिन, मंगलवार को सीजफायर हो गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने सबसे पहले कल सुबह 3:30 बजे सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सीजफायर की जानकारी दी थी।बाद में दोनों देशों ने इसकी पुष्टि की और जंग में अपनी-अपनी जीत का दावा किया। इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान के खिलाफ इजराइल ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है, जो पीढ़ियों तक याद रखी जाएगी। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि उनका देश न्यूक्लियर प्रोग्राम बंद नहीं करेगा। उन्होंने कहा- 'हमने इस तकनीक को हासिल करने के लिए बहुत मेहनत की है। हमारे वैज्ञानिकों ने बलिदान दिए हैं।' ईरान की राजधानी तेहरान में कल विक्ट्री सेलिब्रेशन प्रोग्राम भी आयोजित किया गया था।