खैरथल में सरकार की सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा पाठ, मशाल जुलूस से दिखाई एकजुटता
मिशनसच न्यूज, खैरथल । जिले का नाम बदलकर भरतरी करने और जिला मुख्यालय को अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने के विरोध में खैरथल का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा। मंगलवार को लगातार तीसरे दिन भी पूरा बाजार बंद रहा। व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने नारेबाजी के बीच संघर्ष को जारी रखने का संकल्प दोहराया और आंदोलन को अनिश्चितकाल तक जारी रखने की चेतावनी दी।
रेलवे फाटक पर जुटी भीड़
सुबह से ही रेलवे फाटक के पास बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए। व्यापारियों ने कहा कि जब तक सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती, तब तक यह संघर्ष चलता रहेगा। बाजार पूरी तरह से बंद रहने से सन्नाटा पसरा रहा।
मंदिर में हनुमान चालीसा, निकला मशाल जुलूस
शाम को पुरानी अनाज मंडी स्थित श्री बालाजी मंदिर में व्यापारी और आमजन पहुंचे। यहां उन्होंने सरकार को सद्बुद्धि देने की कामना करते हुए सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके बाद मंदिर से किशनगढ़ रोड तक मशाल जुलूस निकाला गया। जुलूस में शामिल लोगों ने नारेबाजी करते हुए अपनी एकता और विरोध को स्पष्ट संदेश दिया।
भाजपा पदाधिकारियों पर भी दबाव
आंदोलन कर रहे लोगों ने भाजपा पार्षदों और पदाधिकारियों से इस्तीफा देने की मांग की और कहा कि यदि वे खैरथलवासियों के साथ हैं तो उन्हें इस विरोध में खुलकर सामने आना चाहिए।
“खैरथल नाम में क्या खराबी थी?”
स्थानीय लोगों का कहना है कि सैकड़ों वर्षों से चले आ रहे खैरथल नाम को बदलना उनकी अस्मिता पर आघात है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की सोची-समझी रणनीति के तहत भरतरी नाम रखा गया है ताकि नया नगर बसाकर जिला मुख्यालय को वहां ले जाया जा सके। आंदोलनकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि इसे किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा।
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