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    हल्दी की तीन किस्में– कच्ची, सूखी और पाउडर; सेहत पर कौन देती है ज्यादा फायदा, कैंसर रिस्क कम करने में क्या है बेस्ट

    हल्दी एक स्वास्थ्यवर्धक मसाला है, जिसे हर घर में इस्तेमाल किया जाता है। यह इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ कैंसर का खतरा भी कम करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हल्दी का कौन सा प्रकार ज्यादा फायदेमंद है। आइए इसके बारे में नजर डालते हैं।

    ज्यादा फायदे देने वाली हल्दी का प्रकार
    हल्दी हमारी रसोई का एक चमकदार मसाला है। इसके 3 प्रकार होते हैं, जैसे ताजी जड़, सूखी जड़ और हल्दी पाउडर। हल्दी अपने हर प्रकार में अनगिनत फायदे देती है। इसकी असली ताकत करक्यूमिन में छिपी होती है। जिसकी मात्रा प्रकार बदलने पर बदलती रहती है। यह एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेटरी गुण देता है। बुखार, सूजन, दर्द, इंफेक्शन और कैंसर का खतरा कम करने में भी यही मदद करता है।

    कच्ची हल्दी
    यह हल्दी के पौधे की ताजी जड़ होती है। इसका उपयोग रसोई से लेकर पारंपरिक दवाओं में किया जाता रहा है। सूखी हल्दी या पाउडर के मुकाबले यह नेचुरल प्रकार है, जो बाहर से दिखने में अदरक की तरह होता है और अंदर से पीला होता है।

    कच्ची हल्दी का इस्तेमाल
    कच्ची हल्दी का रंग, एरोमा और फ्लेवर सबसे मजबूत होता है। इसमें करक्यूमिन, एसेंशियल ऑयल, पोलीसैचेराइड और कई सारे फाइटोकेमिकल होते हैं। हल्दी और दूध में इसका ही उपयोग करना चाहिए। लोगों को लगेगा कि प्राकृतिक रूप में ज्यादा करक्यूमिन होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। एनसीबीआई पर मौजूद शोध के मुताबिक इसमें करक्यूमिन की मात्रा कम और नमी ज्यादा होती है।

    सूखी हल्दी
    कच्ची हल्दी को उबालकर, सूखाकर ये प्रकार बनता है। कुछ लोग पारंपरिक तरीके से धूप में सुखाते हैं और कुछ मशीनों का इस्तेमाल करते हैं। इसे प्रोसेस करने का तरीका भी करक्यूमिन की मात्रा कम ज्यादा कर सकता है। इसकी तासीर गर्म, स्वाद मिट्टी जैसा और रंग गहरा होता है। अक्सर इसे मसाले, डाई और दवा में उपयोग करते हैं।

    सूखी हल्दी का इस्तेमाल
    सूखने और बनाने का तरीका करक्यूमिन की मात्रा बदल सकता है। क्योंकि नमी और पानी सूखने के दौरान इसे भी ले उड़ता है। इसलिए इसका सही तरीके से प्रोसेस होना बहुत जरूरी है। ऐसी हल्दी के पाउडर को ही ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक माना गया है।

    हल्दी पाउडर
    यह पीला रंग का पाउडर है, जिसे हाथों या मशीनों द्वारा बारीक बनाया जाता है। यह सब्जी, दाल और पकवान में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इंडियन कुकिंग में यही रूप उपयोग किया जाता है।

    हल्दी पाउडर का इस्तेमाल
    बेशक आपकी कच्ची हल्दी में ज्यादा ताकत हो और फिर उसे ठीक तरीके से सुखाया गया हो, लेकिन फिर भी इसके पाउडर में कम करक्यूमिन हो सकता है। जिसमें पाउडर बनाने के लिए सोर्सिंग और प्रोसेसिंग फर्क पैदा करती है।

    हल्दी का सही इस्तेमाल
    ताजी हल्दी को दूध या तेल के साथ एक चुटकी काली मिर्च डालकर लेना चाहिए। इससे शरीर आसानी से ज्यादा करक्यूमिन इस्तेमाल कर पाता है। चटनी और कुकिंग के लिए ताजी हल्दी इस्तेमाल करें। सूखी हल्दी और पाउडर उन्हीं ब्रैंड का इस्तेमाल करें जो उसकी सोर्सिंग और प्रोसेसिंग की पूरी जानकारी दे।

    किसमें है ज्यादा ताकत?
    एक्सपर्ट हल्दी के हर प्रकार को ताकतवर मानते हैं। अगर आपको ताजी, फ्लेवर और कंपाउंड चाहिए तो ताजी हल्दी उपयोग में लाएं। अगर करक्यूमिन चाहिए तो अच्छी क्वालिटी और सही ढंग से प्रोसेस की गई सूखी हल्दी इस्तेमाल करें। इसके बाद पाउडर भी कर सकते हैं।
     

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